गोरखपुर के योगी का अयोध्या से है पुराना और गहरा नाता, अयोध्या से लड़ेंगे चुनाव तो आसपास की सीटों पर भी पड़ेगा असर!
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 गोरखपुर के योगी का अयोध्या से है पुराना और गहरा नाता, अयोध्या से लड़ेंगे चुनाव तो आसपास की सीटों पर भी पड़ेगा असर!
- योगी आदित्यनाथ अब तक अयोध्या के 42 दौरे कर चुके हैं।
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान सभा के चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सियासी हलचल तेज हो गयी है। सभी पार्टी वोटरो को लुभाने में जुट गयी है। यहां नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने का दौर चल रहा है। वहीं बीजेपी (BJP) उम्मीदवारों के नामों को लेकर मंथन कर रही है। इसी बीच खबर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार अयोध्या सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। इस खबर के आते ही सियासी गलियारों में राजनैतिक बाजार गर्म हो चुका है। सूत्रों की मानें तो योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने पर सहमित बना ली गई है। हालांकि अभी तक इस पर पार्टी ने कुछ भी स्पष्ठ नहीं किया है। लेकिन अगर योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं, तो बीजेपी के लिए योगी को अयोध्या से चुनाव लड़ना फायदेमंद होगा या नहीं इस पर चर्चाओं का दौर गरम हो गया है।
योगी का पीढ़ियों पुराना नाता
योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने की खबर है। अब लोगों के मन में प्रश्न उठ रहे हैं कि गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है और योगी को कोई गोरखपुर में हरा पाए यह असंभव है। तो फिर योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव लड़ाए जाने की बात क्यों? दरअसल योगी का अयोध्या से पीढ़ियों पुराना नाता है। क्योंकि उनके गुरु व तत्कालीन गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत दिग्विजय नाथ महाराज 1949 में रामजन्मभूमि में रामलला की प्रतिष्ठा अभियान में बड़ी भूमिका अदा कर चुके हैं।
1984 में फिर से श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति ने आंदोलन की शुरुआत की, इसकी अध्यक्षता योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ महाराज ने की थी। राम मंदिर आंदोलन के दौरान 30 अक्टूबर और 2 नवंबर 1990 में कारसेवकों पर गोलियां चलाई गई। कारसेवकों ने 6 दिसंबर 1992 में विवादित बाबरी ढांचे को ध्वस्त कर दिया था। योगी आदित्यनाथ ने इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
अयोध्या सीट बीजेपी को देगी फायदा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या सीट से चुनाव लड़ने की बात की जा रही है। अगर ऐसा होता है तो यह निर्णय भारतीय जनता पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है। धार्मिक पक्षों,राजनीतिक पक्षों और स्थानीय समीकरणों के लिहाज से यहां भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है। अयोध्या सीट पर अगर योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ते है। तो पूरे अवध प्रांत में भाजपा को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है। इससे आस-पास के जिलों पर भाजपा और भी मजबूत हो सकती है।
राममंदिर निर्माण का मिलेगा फायदा
सुप्रीम कोर्ट ने राममंदिर के पक्ष में फैसला दिया था। उस समय केन्द्र और राज्य में बीजेपी की सरकार थी। उत्तर प्रदेश राज्य की जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ के कंधे पर ही थी। और अब उन्हीं की निगरानी में राममंदिर निर्माण कार्य जारी है। साथ ही योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदलकर उसे भी अयोध्या कर दिया है। अयोध्या में सरयू के तट पर किए गए दीपोत्सव कार्यक्रम की चमक को वैश्विक मंच तक पहुंचाने में योगी आदित्यनाथ की अहम भूमिका रही है। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ अब तक अयोध्या के 42 दौरे कर चुके हैं।