अब ग्रुप सी की भर्ती में भी गड़बड़ी सामने आई
डब्ल्यूबीएसएससी घोटाला अब ग्रुप सी की भर्ती में भी गड़बड़ी सामने आई
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी स्कूलों में अवैध रूप से कार्यरत ग्रुप डी श्रेणी के 1,911 गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त करने के आदेश को बरकरार रखा है, वहीं शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में गैर-शिक्षण कर्मचारियों के ग्रुप सी श्रेणी में ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (ओएमआर) शीट से छेड़छाड़ के माध्यम से बड़े पैमाने पर अनियमितता के सबूत सामने आए।
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) ने न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ को सूचित किया कि ग्रुप सी पदों के लिए लिखित परीक्षा में उपस्थित होने वाले कई उम्मीदवारों के ओएमआर शीट पर दिए गए अंकों और आयोग के सर्वर में दर्ज किए गए अंकों के बीच बड़े अंतर थे।
डब्ल्यूबीएसएससी ने यह भी स्वीकार किया कि आयोग के कुछ अंदरूनी लोगों की संलिप्तता के बिना ऐसी अनियमितता संभव नहीं थी। आयोग के अनुमान के मुताबिक, ग्रुप सी की भर्ती के मामले में लिखित परीक्षा में इस्तेमाल होने वाली 3,478 ओएमआर शीट में इस तरह की गड़बड़ी पाई गई है। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने आयोग की दलीलों को सुनने के बाद आयोग को इन एमओआर शीट्स को अपनी वेबसाइट पर तुरंत अपलोड करने और प्रकाशित करने का निर्देश दिया। उन्होंने 9 मार्च तक प्रक्रिया पूरी करने का भी निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने इस मामले में आयोग की दलील पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा, शायद, सुबिरेश भट्टाचार्य के पास इस बड़े पैमाने पर अनियमितता के बारे में कहने के लिए बहुत कुछ है क्योंकि यह आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान हुआ था। केंद्रीय जांच ब्यूरो को इस मामले में भट्टाचार्य से तुरंत पूछताछ करनी चाहिए।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.