राहुल के सवालों पर स्मृति ईरानी का जवाब- 2008 में कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी देश बेचने का दुस्साहस कर रही थीं
ईरानी के निशाने पर राहुल राहुल के सवालों पर स्मृति ईरानी का जवाब- 2008 में कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी देश बेचने का दुस्साहस कर रही थीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस में मोदी सरकार पर लगाए गए गंभीर आरोपों को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि 2008 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के संदर्भ में एक आरएफपी तब घोषित हुआ जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। क्या राहुल गांधी का ये आरोप है कि जिस सरकार की मुखिया उनकी माता जी थी वे सरकार देश बेचने का दुस्साहस कर रही थी।
स्मृति ने कहा, पारदर्शिता के साथ जिस सरकार ने राष्ट्र की तिजोरी को भरने का काम किया और कांग्रेस के लुटेरों से सुरक्षित किया उस सरकार पर छींटाकशी करने का राहुल गांधी का प्रयास है। कल वित्त मंत्री द्वारा जो घोषणा हुई उसमें स्पष्ट कहा गया कि सरकार अपनी ऑनरशिप रिटेन करेगी और मॉनिटराइजेशन की प्रक्रिया में सरकार की ऑनरशिप को मेंटेन करने के साथ-साथ ये भी चिन्हित किया गया कि सभी राज्य अपने नोडल ऑफिसर इस प्रक्रिया के लिए घोषित करेंगे।
बता दें कि राहुल गांधी ने आज एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि "नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि "70 साल में कुछ नहीं हुआ" और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी उसे बेचने का फैसला ले लिया है, मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया। सारे के सारे निजीकरण एकाधिकार बनाने के लिए किए जा रहे हैं। पावर, टेलीकॉम, वेयर हाउसिंग, माइनिंग, एयरपोर्ट, पोर्ट्स ये सब एकाधिकार बनाने के लिए किया जा रहा है। आप जानते हो पोर्ट्स किसके हाथ में हैं, एयरपोर्ट किसको मिल रहे हैं।"
राहुल गांधी ने कहा, "जैसे ही एकाधिकार बनता जाएगा उसी तेज़ी से आपको रोज़गार मिलना बंद हो जाएगा। इस देश में जो छोटे और मध्यम व्यवसाय हैं जो कल आपको रोज़गार देंगे वो सब बंद हो जाएंगे, ख़त्म हो जाएंगे। 3-4 व्यवसाय रहेंगे इनको रोज़गार देने की कोई ज़रूरत नहीं रहेगी।" राहुल गांधी ने कहा, "हिन्दुस्तान की पूंजी बेची जा रही है, ये आपके भविष्य पर आक्रमण है। नरेंद्र मोदी जी अपने 2-3 उद्योगपति मित्रों के साथ हिन्दुस्तान के युवा पर आक्रमण कर रहे हैं, इसे आप अच्छी तरह समझिए।"
राहुल ने कहा, "हम प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारे प्राइवेटाइजेशन प्लान का लॉजिक था। हमने स्ट्रैटजिक इंडस्ट्रीज का प्राइवेटाइजेशन नहीं किया और हम रेलवे को स्ट्रैटजिक इंडस्ट्री मानते हैं क्योंकि यह लाखों करोड़ लोगों को ट्रांसपोर्ट करता है और बहुत से लोगों को रोजगार भी देता है।