Manipur politics: मणिपुर में भाजपा को झटका, 9 विधायकों ने समर्थन वापस लिया, खतरे में बीरेन सरकार

Manipur politics: मणिपुर में भाजपा को झटका, 9 विधायकों ने समर्थन वापस लिया, खतरे में बीरेन सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-18 09:13 GMT
Manipur politics: मणिपुर में भाजपा को झटका, 9 विधायकों ने समर्थन वापस लिया, खतरे में बीरेन सरकार

डिजिटल डेस्क,इंफाल। मणिपुर में तीन साल पुरानी बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार संकट में आ गई है। उसके तीन विधायक इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। वहीं छह अन्य ने समर्थन वापस ले लिया। अब मणिपुर में कांग्रेस विश्वास मत के लिए विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने की मांग के साथ राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मिलेगी। हालांकि राज्य के उद्योग मंत्री बिस्वजीत सिंह ने दावा किया कि सरकार के लिए कोई खतरा नहीं है।

भाजपा के इन विधायकों ने दिया इस्तीफा
बीरेन सिंह की सरकार से जिन विधायकों ने समर्थन वापस लिया उनमें नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार, तृणमूल कांग्रेस के एक और एक निर्दलीय है। वहीं इस्तीफा देने वाले भाजपा विधायकों में सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेंदाई है। इस विधायकों के इस्तीफे से बीरेन सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई है। 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में वर्तमान में 52 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए 27 विधायकों की समर्थन की जरुरत है। कांग्रेस का दावा है कि उसके पास 30 विधायकों का समर्थन है। 20 उसके और 10 अन्य।

चुनाव में कांग्रेस बनी थी सबसे बड़ी पार्टी
2017 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस 28 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और भाजपा 21 के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। बीजेपी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार, नागा पीपुल्स फ्रंट के चार, तृणमूल कांग्रेस के एक, सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का एक और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार बनाई थी। जबकि आठ कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी। कांग्रेस के एक विधायक, श्यामकुमार सिंह अयोग्य घोषित किए गए थे क्योंकि राज्य चुनाव के तुरंत बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था।

भाजपा के पास इन विधायकों का समर्थन
भाजपा के पास अपने 18 विधायकों के अलावा एनपीएफ और लोजपा के पांच विधायकों का समर्थन है। चुनाव के बाद पार्टी छोड़ने वाले आठ कांग्रेस विधायकों में से सात का भी समर्थन बीजेपी को हासिल है। ये विधायक अभी भी पार्टी के सदस्य हैं, लेकिन  इन विधायकों की अयोग्यता का मामला कोर्ट में लंबित है। फैसला सुनाए जाने तक वे मतदान नहीं कर सकते। मणिपुर हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह ही उन्हें विधानसभा में प्रवेश करने से रोक दिया था।

सरकार और राज्यसभा सीट बचाने जूझ रही भाजपा
गठबंधन और दलबदल के माध्यम से 30 निर्वाचित विधायकों के समर्थन के बावजूद, भाजपा मणिपुर में अपनी सरकार और राज्यसभा सीट को बचाने के लिए जूझ रही है। के भाबनंदा के अप्रैल में इस्तीफे से ये राज्यसभा सीट खाली हुई है। राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान 19 जून यानि कल होगा। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के टी मंगी बाबू के खिलाफ भाजपा ने मणिपुर के टाइटालियर राजा लिसेम्बा संजाओबा को मैदान में उतारा हैं।

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