तेलंगाना के हुजूराबाद में तनाव, बीजेपी, टीआरएस कार्यकर्ता भिड़े
तेलंगाना तेलंगाना के हुजूराबाद में तनाव, बीजेपी, टीआरएस कार्यकर्ता भिड़े
- तेलंगाना के हुजूराबाद में तनाव
- बीजेपी
- टीआरएस कार्यकर्ता भिड़े
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। हुजूराबाद शहर में शुक्रवार को उस वक्त हल्का तनाव व्याप्त हो गया, जब टीआरएस के एक नेता ने विधायक एटाला राजेंदर को खुली बहस के लिए चुनौती दी और उसके बाद सत्तारूढ़ टीआरएस और भाजपा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से संबंधित विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पाडी कौशिक रेड्डी द्वारा की गई खुली बहस चुनौती के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने शहर में आयोजित खुली बहस मंच की ओर भागने की कोशिश की।
एमएलसी ने हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र के विकास पर बहस के लिए भाजपा के स्थानीय विधायक राजेंद्र को आमंत्रित किया था। उन्होंने राजेंद्र को कस्बे के अंबेडकर चौक सुबह 11 बजे पहुंचने की चुनौती दी थी, टीआरएस नेता ने वहां आधे घंटे तक इंतजार किया लेकिन विधायक नहीं आए।
अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए, कौशिक रेड्डी ने बहस के लिए उनकी चुनौती को स्वीकार करने में विफल रहने के लिए राजेंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राजेंद्र के उपचुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं किया गया। उन्होंने कहा, बहस के लिए नहीं आकर राजेंद्र ने स्वीकार किया है कि इस निर्वाचन क्षेत्र में केवल टीआरएस के शासन में विकास हुआ है।
जब कौशिक रेड्डी ने अपना भाषण समाप्त किया, तो भाजपा के कुछ कार्यकर्ता अंबेडकर चौक पहुंचे और कौशिक रेड्डी का पुतला फूंका। इसको लेकर दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई।उन्होंने एक दूसरे पर चप्पल और पार्टी के झंडे फेंके। पुलिस ने बीच-बचाव कर दोनों पक्षों को हल्का बल प्रयोग कर तितर-बितर किया। पुलिस ने कुछ भाजपा कार्यकतार्ओं को हिरासत में लिया।
शहर में लगातार दूसरे दिन दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। फ्लेक्सी बैनर लगाने को लेकर हुए विवाद के बाद गुरुवार को वे आपस में भिड़ गए थे।हाल के दिनों में टीआरएस और भाजपा के नेताओं के बीच चुनौतियों और जवाबी चुनौतियों ने निर्वाचन क्षेत्र में एक बार फिर राजनीतिक गर्मी पैदा कर दी है।
राजेंद्र ने पिछले साल टीआरएस से इस्तीफा दे दिया था और हुजूराबाद से विधायक के रूप में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव द्वारा राज्य मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद आरोप लगाया था कि उन्होंने कुछ किसानों की भूमि पर कब्जा कर लिया था।राजेंद्र बाद में भाजपा में शामिल हो गए और पिछले साल नवंबर में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी टीआरएस के गेलू श्रीनिवास यादव को 23,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.