हाईकोर्ट ने भाजपा विधायकों के निलंबन पर नोटिस जारी किया
तेलंगाना हाईकोर्ट ने भाजपा विधायकों के निलंबन पर नोटिस जारी किया
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बुधवार को विधानसभा से अपने निलंबन को चुनौती देने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन विधायकों की याचिका पर विधानमंडल सचिव को नोटिस जारी किया।
रघुनंदन राव, एटाला राजेंदर और टी. राजा सिंह ने पूरे कारोबारी सत्र के लिए सदन से उनके निलंबन को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की है।
उनके वकील प्रकाश रेड्डी ने तर्क दिया कि उनका निलंबन विधानसभा और संविधान के नियमों के खिलाफ था। विधायकों ने आरोप लगाया कि उन्हें पूर्व नियोजित तरीके से निलंबित किया गया।
विधायकों ने विधानमंडल सचिव की कार्रवाई को अवैध बताते हुए और विधानसभा में प्रक्रिया और व्यवसाय के संचालन के नियमों के साथ-साथ संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 194 के उल्लंघन में घोषित करने की मांग की।
महाधिवक्ता बी.एस. प्रसाद ने विधायी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने के लिए अदालत को प्रस्तुत किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विधानमंडल सचिव को नोटिस जारी कर सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।
स्पीकर पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी ने सोमवार को भाजपा के तीनों विधायकों को पूरे सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया।
राज्यपाल के अभिभाषण के बिना बजट सत्र शुरू होने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए भाजपा विधायकों ने कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास किया।
सरकार द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव पर अध्यक्ष ने पूरे सत्र के लिए उनके निलंबन की घोषणा की।
विधायकों ने अपने निलंबन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की और सत्र के पूरा होने तक उन्हें भाग लेने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की।
उन्होंने तर्क दिया कि उन्हें निलंबित कर दिया गया था, जब वे राज्यपाल के अभिभाषण के संवैधानिक आदेश के घोर उल्लंघन के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने की कोशिश कर रहे थे।
विधायकों ने कहा कि वे विरोध के तौर पर काली शॉल पहनकर विधानसभा हॉल में दाखिल हुए थे और राज्यपाल के अभिभाषण को रद्द करने के मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहे थे।
विधायकों ने कहा कि अध्यक्ष ने अनुरोधों पर कोई ध्यान नहीं दिया और वित्तमंत्री से बजट पेश करने को कहा।
याचिका में कहा गया है कि कुछ समय बाद विधायक राजा सिंह ने उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए अध्यक्ष के निर्देश की ओर चलना शुरू कर दिया और बोलने का अवसर मांगते रहे।
याचिका में कहा गया है कि यह विधानमंडल के किसी भी सत्र में होने वाली घटनाओं का एक सामान्य क्रम था और अतीत में असंख्य अवसरों पर ऐसा हुआ है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि एक अन्य विपक्षी दल (कांग्रेस) के सदस्यों ने भी स्पीकर से इसी मुद्दे पर उनकी सुनवाई करने को कहा था।
(आईएएनएस)