योगी सरकार में मंत्री रही स्वाति सिंह का टिकट कटा, इन्हें मिला सरोजनी नगर सीट से टिकट

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 योगी सरकार में मंत्री रही स्वाति सिंह का टिकट कटा, इन्हें मिला सरोजनी नगर सीट से टिकट

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-01 18:25 GMT
योगी सरकार में मंत्री रही स्वाति सिंह का टिकट कटा, इन्हें मिला सरोजनी नगर सीट से टिकट

डिजिटल डेस्क लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। यूपी की सियासत में चुनावी पारा बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी बीजेपी ने उन तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया, जो सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ था। बता दें कि लखनऊ की सीटों पर चौथे चरण के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है।

पार्टी ने सरकार में कैबिनेट मंत्री रही स्वाति सिंह का टिकट काटकर सरोजनी नगर सीट से ईडी के पूर्व डायरेक्टर राजेश्वर सिंह को टिकट देकर भरोसा जताया है। गौरतलब है कि राजेश्वर सिंह लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह के पति हैं। बीजेपी ने बुधवार को उन सभी अटकलों विराम लगा दिया जिस पर लखनऊ की सीटों को लेकर सस्पेंस बना हुआ था। 

लखनऊ की सभी सीटों के उम्मीदवारों के नाम

वहीं पार्टी ने लखनऊ पश्चिमी से अंजनी श्रीवास्तव, लखनऊ कैंट से बृजेश पाठक, लखनऊ उत्तर से नीरज बोरा, लखनऊ मध्य से रजनीश गुप्ता तथा मलिहाबाद से जया देवी सीटिंग विधायक केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी को दोबारा टिकट दिया है। 

पति-पत्नी में टिकट को लेकर था विवाद

योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह व उनके पति भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के बीच टिकट को लेकर आपसी खींचतान की खबरें आ रही थी। आखिरकार दोनों को ही नुकसान उठाना पड़ा है। स्वाति व दयाशंकर दोनों इसी सीट से अपनी-अपनी दावेदारी कर रहे थे। बीते दिनों स्वाति सिंह का एक आडियो भी वायरल हो गया था, जिसमें दंपती के बीच रिश्तों में खटास खुलकर सामने आ गई थी। इसके बाद से ही दोनों का टिकट कटना तय माना जा रहा था।

जानें राजेश्वर सिंह के बारे में
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक रह चुके हैं। उन्होंने सेवा कार्यकाल के दौरान वीआरएस लेकर राजनीति में करियर की शुरूआत की है। हालांकि इसके पहले कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरूण ने वीआरएस लेकर बीजेपी ज्वॉइन की और अब कन्नौज से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। राजेश्वर सिंह 1996 में  पीपीएस अधिकारी बनें थे। सीओ के पद पर रहते हुए उनकी छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की बनी थी। जिसके बाद 2009 में वह ईडी में चले गए। उनके परिवार व रिश्तेदारों में  कई अधिकारी हैं। 


 

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