चुनावी वादे पूरे न होने पर, सिद्धू बोले छोड़ दूंगा राजनीति
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 चुनावी वादे पूरे न होने पर, सिद्धू बोले छोड़ दूंगा राजनीति
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। कांग्रेस पूरी ताकत के साथ दोबारा सत्ता में वापसी के लिए पसीने बहा रही है। इसी बीच एक चुनावी जनसभा में पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपने पुराने अंदाज में बोलते हुए कहा कि सूबे में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनने पर 5 लाख गरीब लोगों को रोजगार दिया जाएगा और अगर हम अपने वादे नहीं पूरा किए तो राजनीति छोड़ देंगे।
जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल सी मच गई है। आपको बता दें कि सिद्धू फगवाड़ा में कांग्रेस विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये बता कही थी। सिद्धू ने आगे कहा कि पंजाब में से माफिया राज पूरी तरह खत्म किया जाएगा।
बीजेपी ईडी का डर दिखा रही है
आपको बता दें कि सिद्धू ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला और कहा कि बीजेपी सरकारी मशीनरी का भय दिखाकर दूसरे दलों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराने की फिराक में रहती है। सिद्धू ने आगे कहा कि बीजेपी किसानों के डर के मारे जालंधर में 5 साल तक अपना दफ्तर नहीं खोला क्योंकि पार्टी के नेताओं को पता था कि विरोध झेलना पड़ेगा।
शिरोमणि अकाली दल पर गरजे सिद्धू
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू जनसभा में शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि माता चंद कौर का कत्ल किसने करवाया था, अकाली दल यूथ विंग ने बेटी के साथ आए एक थानेदार को मारकर नारे किसने लगाए। जालंधर में जनमेजा जी की हत्या किसने करवाई? बता दें कि सिद्धू ने सुखबीर सिंह पर जमकर भड़ास निकाली।
बीजेपी भी हुई सक्रिय
आपको बता दें कि सिद्धू के आवास के बाहर घायल हुई एएनएम अमदीप कौर से भाजपा नेत्री और केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने मुलाकात की। लेखी ने कहा कि यह अत्यंत दुखद घटना है कि इन महिलाओं ने घरों से बाहर देश के लिए काम किया और टीकाकरण को गति दी, यह देशभक्ति थी। लेखी ने कहा कि उन्हें प्रतिदिन 500 रूपये टीकाकरण का मिलना चाहिए। केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस पूरे घटना को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पंजाब सरकार नाकाम है
बता दें कि मीनाक्षी लेखी ने पंजाब सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब सरकार बडे़-बड़े वादे करती है लेकिन जमीनी स्तर पर वह खोखले साबित हो रहे हैं। केंद्र की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस राज्य सरकार को पूर्ण तौर पर फंड भेज रही है, बावजूद भी पंजाब सरकार की नाकामी के कारण यहां की जनता को फंड नहीं मिल रहा है।