शुभेंदु अधिकारी ने गृहमंत्री से मदद मांगने के मामले में ममता को दी केस करने की चुनौती

पश्चिम बंगाल शुभेंदु अधिकारी ने गृहमंत्री से मदद मांगने के मामले में ममता को दी केस करने की चुनौती

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-20 12:30 GMT
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डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत है तो मुख्यमंत्री उनके उस बयान खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर करें जिसमें अधिकारी ने दावा किया था कि तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बहाल करने के लिए ममता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप की मांग की थी।

अधिकारी ने कहा कि एक बार उनके खिलाफ कानूनी मुकदमा दायर हो जाने के बाद, वह भारतीय दूरसंचार प्राधिकरण (ट्राई) को मुकदमे में पक्षकार बनाने के लिए अदालत में अपील कर सकेंगे, ताकि 4 मार्च 2023 से 12 अप्रैल 2023 के बीच मुख्यमंत्री कार्यालय के लैंडलाइन फोन के कॉल डिटेल मिल सकें।

नेता प्रतिपक्ष ने दोपहर बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, मुझे पहले ही इस मामले में तृणमूल कांग्रेस से एक कानूनी नोटिस मिल चुका है। मैं चाहता हूं बल्कि मुख्यमंत्री को मेरे खिलाफ कानूनी मुकदमा दायर करने की चुनौती देता हूं। उस स्थिति में मैं इसे चुनौती दे सकूंगा और अदालत से अपील कर सकूंगा कि ट्राई को भी एक पक्ष बनाया जाए ताकि उनके आधिकारिक लैंडलाइन नंबरों की कॉल डिटेल सामने आए।

किसी भी व्यक्ति के लिए इस तरह के विवरण प्राप्त करने पर प्रतिबंध है और इसलिए अभी मैं आरटीआई के माध्यम से इसे प्राप्त करने और मीडियाकर्मियों के बीच प्रसारित करने में सक्षम नहीं हूं। इसलिए, मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे मेरे खिलाफ कानूनी मुकदमा दायर करें।

हुगली जिले के सिंगूर में 18 अप्रैल को एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए अधिकारी ने दावा किया था कि भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लेने के तुरंत बाद ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन कर तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा 2024 लोकसभा चुनाव तक बनाए रखने की गुजारिश की।

अधिकारी ने 18 अप्रैल को कहा, उन्होंने अमित शाह से 2024 के लोकसभा चुनाव तक तृणमूल का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बनाए रखने की अपील की थी। हालांकि, गृह मंत्री ने उन्हें स्पष्ट रूप से कहा कि आयोग के फैसले को उनके द्वारा नहीं बदला जा सकता है, क्योंकि ईसीआई एक स्वायत्त निकाय है। इसके जवाब में ममता बनर्जी ने बुधवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि अगर केंद्रीय गृह मंत्री को फोन करने का उनका दावा साबित होता है तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा, मैंने सुना है कि मंगलवार को एक नए उभरे हुए व्यक्ति ने एक जनसभा में दावा किया कि चुनाव आयोग द्वारा तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लेने के बाद मैंने उनके सर्वोच्च नेता अमित शाह को चार बार फोन किया था। अगर वे इसे साबित कर सकते हैं तो मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दूंगी। लेकिन अगर वे इन आरोपों को साबित नहीं कर सकते हैं, तो क्या वे जमीन पर अपनी नाक रगड़ेंगे?

 

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