कांग्रेस अध्यक्ष बनने की रेस में राहुल गांधी से मुकाबला करने उतरेंगे शशि थरूर? सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद तेज हुईं अटकलें
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव-2022 कांग्रेस अध्यक्ष बनने की रेस में राहुल गांधी से मुकाबला करने उतरेंगे शशि थरूर? सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद तेज हुईं अटकलें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की ओर से जहां राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो आंदोलन चलाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का उम्मीदवार की तलाश तेज कर दी है। आगामी 17 अक्टूबर को पार्टी की ओर से नए अध्यक्ष का चुनाव होना तय हुआ है। जबकि चुनाव का परिणाम 19 अक्टूबर को आएगा। ऐसे में पार्टी ऐसे चेहरे को अध्यक्ष बनाने के लिए सोच रही है। जिस पर सभी कांग्रेस नेताओं की सहमति हो, क्योंकि पार्टी आलाकमान कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है।
हाल ही में खबर आ रही थी कि कांग्रेस नेतृत्व राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रहा है, लेकिन सोमवार को शशि थरूर की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि शशि थरूर ही कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। शशि थरूर ने युवा कांग्रेस सदस्यों की ओर से चलाई जा रही एक पिटीशन को लेकर सहमति जताई है। जिसमें पार्टी में सुधार को लेकर बात की जा रही है। साथ ही थरूर ने उदयपुर डिक्लेयरेशन को लागू करने की बात कहकर कांग्रेस के एक धड़े में हलचल बढ़ा दी है।
गांधी परिवार बाहर रहेगा अध्यक्ष पद से?
शशि थरूर की सोनिया से मुलाकात के बाद राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार हो सकता है कि अध्यक्ष पद की रेस से गांधी परिवार अपने को अलग कर ले क्योंकि थरूर जी-23 के सदस्य हैं और जी-23 की हमेशा से मांग रही है कि गांधी परिवार के अलावा किसी बाहरी कांग्रेसी नेता को नेतृत्व की जिम्मेदारी दी जाए। थरूर इसका खुलकर समर्थन भी किए हैं। हालांकि, कांग्रेस का एक खेमा आज भी राहुल गांधी को मनाने में लगा हुआ और प्रयास कर रहा है कि राहुल ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालें, लेकिन राहुल गांधी इस जिम्मेदारी को लेने से साफ मना कर रहे हैं। कांग्रेस अगर अशोक गहलोत को अध्यक्ष उम्मीदवार बनाती है तो जी-23 सदस्य थरूर भी उनके सामने उतर सकते हैं क्योंकि शशि शरूर पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इनकार नहीं किए हैं। ऐसे में सोनिया से थरूर की मुलाकात का अहम मानी जारी है। पार्टी सूत्रों की माने तो शशि थरूर को पार्टी आलाकमान नई जिम्मेदारी देने पर विचार कर रहा है।
क्या है उदयपुर डिक्लेयरेशन?
कांग्रेस पार्टी की ओर से बीते मई महीने में उदयपुर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत पार्टी के तमाम दिग्गज नेता शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में पार्टी को कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार व पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, जैसे तमाम रणनीतियों पर चर्चा हुई थी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण चर्चा इस बात को लेकर हुई थी कि पार्टी में आंतरिक चुनावों में निष्पक्षता और एक परिवार से एक उम्मीदवार, एक व्यक्ति के पास एक पद और सभी पदों के लिए पांच साल की समय सीमा तय करने जैसी बातें हुई थीं। इसे ही उदयपुर डिक्लेयरेशन के नाम से जाना जाता है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस पिटिशन को बाकायदा ट्विटर पर साझा भी किया था, जिसमें करीब 650 से ज्यादा लोगों ने समर्थन भी किया था। शशि थरूर ने इस मुहिम को लेकर खुशी जताई थी और कहा था कि मैं युवा कांग्रेस सदस्यों की ओर से चलाई जा रही मुहिम का स्वागत करता हूं।