मोदी सरनेम वाले बयान पर बढ़ी राहुल गांधी की मुश्किलें, गुरुवार को अदालत ने दी कांग्रेस नेता को नसीहत
राहुल को मिली नसीहत मोदी सरनेम वाले बयान पर बढ़ी राहुल गांधी की मुश्किलें, गुरुवार को अदालत ने दी कांग्रेस नेता को नसीहत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सूरत सेशन कोर्ट ने गुरुवार को मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया है। मोदी सरनेम केस के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद राहुल गांधी ने सूरत के सत्र अदालत में राहत की मांग करते याचिका दाखिल की थी। साल 2019 में कर्नाटक दौरे पर एक बयान के चलते राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद उनकी संसद की सदस्यता छिन गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट के 23 मार्च को दिए गए फैसले को चुनौती देते हुए राहुल गांधी ने सेशंस कोर्ट में अपील दाखिल की थी। हालांकि, राहुल गांधी को यह झटका मिलने के बाद अब उन्हें उच्च न्यायलय की ओर देखना होगा।
राहुल को मिली नसीहत
आज कोर्ट ने 27 पेज के अपने ऑर्डर में राहुल गांधी को पद और कद का ख्याल रखते हुए शब्दों का चयन करने को कहा है। जज आरपी मोगेरा ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से शिकायतकर्ता के मन-मस्तिष्क पर गहरी चोट पहुंची है। अदालत ने कहा,' इसमें कोई दोराय नहीं है कि याचिकाकर्ता संसद के सदस्य थे और दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें अपने बयान को लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए। जिससे की लोगों के दिमाग पर कोई असर न पड़े। अपीलकर्ता के मुंह से निकले कोई भी अपमानजनक शब्द पीड़ित व्यक्ति को मानसिक पीड़ा देने के लिए पर्याप्त हैं।'
अदालत के फैसले की कॉपी में लिखा है कि मोदी सरनेम वाले लोगों की तुलना चोरों से करने पर शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को चोट पहुंची है और उसे मानसिक पीड़ा भी हुई है। अदालत के इस फैसले का मतलब है कि राहुल गांधी की लोकसभा आयोग्यता जारी रहेगी।
राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ी
सीजेएम कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई। इसके अगले दिन लोकसभा सचिवालय ने केरल के वायनाड से सांसद राहुल की संसद की सदस्यता रद्द कर दी। जिसके बाद तीन अप्रैल को राहुल गांधी ने निचली अदालत में फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। फिर 13 अप्रैल को अदालत के जज ने 5 घंटे से अधिक समय तक दोनों की ओर से दी गई दलीलों को सुना।
मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया
राहुल की ओर से वकील आरएस चीमा ने आज अदालत में कहा कि अयोग्य होने से उन्हें अपूर्णीय क्षति होगी। 2 साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, यदि उन्हें ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिलती है तो। इधर, राहुल गांधी ने अपनी याचिका में यह दलील दी थी कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। उनका बयान अपमानजनक नहीं था। इधर, शिकायतकर्ता और भाजपा नेता पूर्णेश मोदी के वकील ने राहुल की याचिका विरोध किया और कहा कि कांग्रेस नेता बार-बार इस तरह का अपराध कर रहे हैं।