संजय राउत की गिरफ्तारी को लेकर लोगों की अलग-अलग राय : आईएएनएस सर्वे
प्रवर्तन निदेशालय संजय राउत की गिरफ्तारी को लेकर लोगों की अलग-अलग राय : आईएएनएस सर्वे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र के कद्दावर नेता को मुंबई के पात्रा चॉल में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके आवास पर छापेमारी और पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया। संजय राउत को दो बार समन दिया गया था, ईडी के समन पर पेश ना होने के बाद ईडी ने संजय राउत के घर पर छापा मारा। गिरफ्तारी के बाद संजय राउत को विशेष सत्र अदालत में पेश किया गया। अदालत ने राज्यसभा सांसद को 4 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
शिवसेना के सबसे मुखर चेहरे संजय राउत ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी को कमजोर करने के लिए उनके खिलाफ झूठा मामला तैयार किया गया है। गिरफ्तार नेता को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का पूरा समर्थन मिला, जिन्होंने संजय राउत की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें पत्रकार से राजनेता बने पर गर्व है। साथ ही, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रतिशोध की राजनीति में शामिल होने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला किया।
सीवोटर - इंडियाट्रैकर ने संजय राउत की गिरफ्तारी के बारे में लोगों की धारणा जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया। सर्वे से पता चला है कि शिवसेना नेता के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के बारे में लोगों की अलग-अलग राय है। सर्वे के दौरान, जहां 52 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि जांच एजेंसी ने संजय राउत को गिरफ्तार कर सही किया है, वहीं 48 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने पूरी तरह से गलत बताया।
एनडीए और विपक्षी मतदाता इस मुद्दे पर अपने विचारों में राजनीतिक आधार पर बंटे हुए दिखे। सर्वे के दौरान, जबकि एनडीए के अधिकांश मतदाताओं - 67 प्रतिशत ने कहा कि शिवसेना सांसद के खिलाफ ईडी की कार्रवाई सही है, वहीं अधिकांश विपक्षी समर्थकों- 58 प्रतिशत ने गिरफ्तारी को प्रतिशोध बताया।
सर्वे में आगे बताया गया है कि संजय राउत की गिरफ्तारी के बारे में शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाता भी अपने विचारों में विभाजित दिखे। सर्वे के दौरान जहां 53 फीसदी शहरी मतदाताओं ने जांच एजेंसी की कार्रवाई को सही ठहराया, वहीं 47 फीसदी ने इस भावना को साझा नहीं किया। इसी तरह, जहां 51 फीसदी ग्रामीण मतदाताओं ने शिवसेना सांसद के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को सही ठहराया, वहीं 49 फीसदी पूरी तरह से असहमत थे।
(आईएएनएस)
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