बिहार में ओवैसी की सक्रियता, महागठबंधन सतर्क
राजनीति बिहार में ओवैसी की सक्रियता, महागठबंधन सतर्क
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की जिस तरह सक्रियता बढ़ी है, उससे सत्ताधारी महागठबंधन सतर्क हो गया है। ओवैसी पिछले दिनों मुस्लिम बहुल सीमांचल के दौरे के क्रम में लोगो से मुलाकात की थी तथा कई सभाएं की थी। इसके बाद रामनवमी पर्व के मौके पर बिहार के सासाराम और नालंदा में जिस तरह से हिंसक घटनाएं हुईं और ओवैसी की पार्टी जिस तरह सक्रिय दिखी उससे साफ है कि एआईएमआईएम की नजर बिहार पर है। ओवैसी ने तो इस दौरान लगातार बिहार सरकार को निशाने पर लेकर बयान दिए हैं।
इधर, ओवैसी की सक्रियता के बाद महागठबंधन के दल भी सतर्क है। राजद के अलावा खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एआईएमआईएम को भाजपा की बी टीम बता कर महागठबंधन के वोटबैंक को सहेजने की कोशिश कर रहे हैं। इधर, एआईएमआईएम के पांच में चार विधायकों को राजद में सम्मिलित करने की घटना को ओवैसी नहीं भूले हैं। यही कारण उनकी नजर राजद के वोटबैंक में सेंध लगाने की है।
एआईएमआईएम के एक नेता कहते भी हैं को एआईएमआईएम को मुसलमानों का ही वोट मिलता है। इन वोटों के जरिए पार्टी लोकसभा की तैयारी प्रारंभ कर दी है। ऐसे में साफ है कि एआईएमआईएम को जितना भी वोट मिलेगा उसका नुकसान महागठबंधन को उठाना पड़ेगा। ओवैसी सीमांचल के दौरे में वंशवाद और विकास के मुद्दे को छेड़कर भी साफ कर दिया है कि राजद और नीतीश उनके निशाने पर हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने पांच सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी ताकत का एहसाए करा दिया है। ऐसे में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में एआईएमआईएमकी नजर बिहार पर है। एआईएमआईएम के सीमांचल में राजद से नाराज नेताओं के साथ मिलने की पूरी संभावना है। ऐसे में भी महागठबंधन ओवैसी की सक्रियता के बाद सतर्क है।
आईएएनएस
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