वर्चुअल शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री के साथ की द्विपक्षीय वार्ता
वर्चुअल शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री के साथ की द्विपक्षीय वार्ता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूरोपीय संघ के देशों के साथ साझेदारी बढ़ाने को लेकर आज सोमवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। कोरोना संकट के दौर में दोनों प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तकनीक, नवीकरणीय प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ाने जैसे कई मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता कर रहे हैं। कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक द्विपक्षीय संबंधों के मौजूदा ढांचे की समीक्षा और उसे मजबूत करने के लिहाज से ये बैठक अहम है।
Participating in the India-Denmark Summit with @Statsmin Mette Frederiksen. https://t.co/Y5EDXtsC8p
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2020
शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री से बातचीत करते हुए कहा, कुछ महीने पहले फोन पर हमारी बहुत लाभकारी बात हुई। हमने कई क्षेत्रों में भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग बढ़ाने के बारे में चर्चा की थी। यह खुशी का विषय है कि आज हम इस वर्चुअल समिट के माध्यम से इन इरादों को नई दिशा और गति दे रहे हैं। हमारी वर्चुअल समिट ना सिर्फ़ भारत-डेनमार्क संबंधों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी, बल्कि वैश्विक चुनौतियों के प्रति भी एक साझा दृष्टिकोण बनाने में मदद करेगी।
COVID19 has shown that excess dependency of the global supply chain on a single source is risky. We"re working with Japan Australia towards supply-chain diversification resilience. Other like-minded countries can join this effort: PM Modi during India-Denmark virtual summit pic.twitter.com/DFXT0oolsO
— ANI (@ANI) September 28, 2020
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना ने दिखाया है कि, ग्लोबल सप्लाई चेन्स का किसी भी सिंगल सोर्स पर अत्यधिक निर्भर होना रिस्की है। हम जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिल कर सप्लाई चेन डाइवर्सिफिकेशन (Diversification) के लिए काम कर रहें हैं। अन्य लाइक माइंडेड देश भी इस प्रयत्न में जुड़ सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था "वाइब्रेंट गुजरात समिट" में लगातार डेनमार्क सम्मिलित होता रहा है। इसके लिए मेरा डेनमार्क के प्रति खास लगाव भी रहा है। मैं दूसरे "इंडिया नोर्डिक समिट" को होस्ट करने के आपके प्रस्ताव के लिए आभारी हूं।
भारत और डेनमार्क के बीच वस्तु और सेवाओं के द्विपक्षीय व्यापार में बीते तीन सालों के दौरान 30.49% क़ई बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साल 2016 में दोनों देशों का आपसी व्यापार जहां 2.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, वहीं 2019 में यह बढ़कर 3.68 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। इतना ही नहीं लगभग 200 डेनिश कंपनियों ने भारत में शिपिंग, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश किया है। पर्यावरण, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, स्मार्ट शहरी विकास समेत "मेक इन इंडिया की अनेक परियोजनाओं में निवेश किया है. वहीं डेनमार्क में नवीन ऊर्जा और इंजीनियरिंग क्षेत्र में डेनमार्क की लगभग 25 भारतीय कंपनियां मौजूद हैं।