मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बारे में जाने, कौन कितने समय तक रहे सीएम पद पर, प्रदेश में किस मुख्यमंत्री के हटने के बाद लगा राष्ट्रपति शासन

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बारे में जाने, कौन कितने समय तक रहे सीएम पद पर, प्रदेश में किस मुख्यमंत्री के हटने के बाद लगा राष्ट्रपति शासन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-20 09:53 GMT
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बारे में जाने, कौन कितने समय तक रहे सीएम पद पर, प्रदेश में किस मुख्यमंत्री के हटने के बाद लगा राष्ट्रपति शासन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। साल 2023 में 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियां अपनी कमर कस चुकी हैं। सभी दल के नेता बैठक पर बैठक कर रहे हैं। अपने विरोधी टीम को चित करने के लिए रणनीति बना रहे हैं। 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश का नाम भी शामिल है। प्रदेश में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। अभी से सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष में गहमा-गहमी शुरू हो गई है। सियासी सूरमाओं में वार-पलटवार का दौर चालू हो गया है। सियासत के इस पायदान तक पहुंचने से पहले मध्यप्रदेश की राजनीति ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। कुछ सियासी दांव पेंच और कुछ नेताओं का फर्श से अर्श तक का सफर देखा है। चुनाव से पहले जानिए कौन कौन रहे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री. जिन्होंने मध्यप्रदेश को सौंपी है ये सियासी विरासत।

पंडित रविशंकर शुक्ला

मध्य प्रदेश का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था। मध्य प्रदेश को राज्य बनाने के लिए मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्यों को मिलाकर एक प्रदेश का स्वरूप दिया गया था। उसी समय प्रदेश को पहला मुख्यमंत्री मिला था। जिनका नाम पंडित रविशंकर शुक्ला था। जिन्हें मध्यप्रदेश का पहला सीएम बनने का गौरव तो प्राप्त हुआ, लेकिन वो ज्यादा दिनों तक मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रहे थे। उनका कार्यकाल 1 नंवबर 1956 से लेकर 31 दिसंबर 1956 तक ही रहा था। उन्हें कांग्रेस पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री बनाया गया था।

भगवंत राव मंडलोई

मध्यप्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री भगवंतराव मंडलोई रहे। जिनका कार्यकाल 1 जनवरी 1957 से 30 जनवरी 1957 तक रहा। ये दूसरे कांग्रेसी नेता रहे, जिन्हें मध्यप्रदेश की कमान संभालने का मौका मिला। वहीं कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर विश्वास करते हुए दूसरी बार इन्हें सीएम बनाया। जिनका कार्यकाल 12 मार्च 1962 से लेकर 29 सितंबर 1963 तक रहा था।

कैलाशनाथ काटजू

कांग्रेस नेता कैलाश नाथ काटजू मध्यप्रदेश के तीसरे मुख्यमंत्री रहे। जिनका कार्यकाल 31 जनवरी 1957 से 14 मार्च 1957 तक रहा। इसके बाद एक बार फिर प्रदेश की कमान कांग्रेस पार्टी ने कैलाश नाथ काटजू को दी। अबकी बार इनका कार्यकाल काफी लंबा समय तक रहा और प्रदेश के पांच वर्षों तक सीएम बने रहे। इनका कार्यकाल 14 मार्च 1957 से 11 मार्च 1962 तक रहा था। 

द्वारका प्रसाद मिश्रा

मध्यप्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्रा रहे। जिनका कार्यकाल 30 सितंबर 1963 से 8 मार्च 1967 तक रहा। वहीं पार्टी ने एक बार फिर उन पर विश्वास जताते हुए दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाया। जहां वो 9 मार्च 1967 से 29 जुलाई 1967 तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहे। 

गोविंद नारायण सिंह

प्रदेश को पांचवे नंबर का सीएम गोविंद नारायण सिंह के रूप में मिला। जिनका कार्यकाल 2 वर्षों से भी कम का रहा था। वो प्रदेश के सीएम पद पर 30 जुलाई 1967 से 12 मार्च 1969 तक रहे थे।

राजा नरेशचंद्र सिंह

छठे नंबर का मुख्यमंत्री राजा नरेशचंद्र सिंह रहे थे। जिनका सीएम पद का कार्यकाल 13 मार्च 1969 से 25 मार्च 1969 तक रहा। इनका कार्यकाल महज 12 दिन का रहा था। इसी के साथ अभी तक के ये सबसे कम दिनों के सीएम रहे।

श्यामा चरण शुक्ला

श्याम चरण शुक्ला सातवें नंबर के मुख्यमंत्री रहे। जिनका कार्यकाल 26 मार्च 1969 से 28 जनवरी 1972 तक रहा है। हालांकि, इन्हें कांग्रेस पार्टी की ओर से दो बार और मुख्यमंत्री का पद मिला। जिसका कार्यकाल 23 दिसंबर 1975 से लेकर 29 अप्रैल 1977 तक रहा था। जबकि दूसरा 9 दिसंबर 1989 से 4 मार्च 1990 तक रहा।

प्रकाश चंद्र सेठी

मध्यप्रदेश के आठवें मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी रहे। जिन्हें लगातार दो बार मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया था। जिनका पहला कार्यकाल 29 जनवरी 1972 से लेकर 22 मार्च 1972 तक रहा। वहीं दूसरा कार्यकाल 23 मार्च 1972 से 22 दिसंबर 1975 तक रहा था।

राष्ट्रपति शासन

मध्यप्रदेश में 29 अप्रैल 1977 से 25 जून 1977 तक राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था। 

कैलाश चंद्र जोशी

26 जून 1977 को जनता पार्टी की ओर से प्रदेश को नौवें नंबर का सीएम कैलाश चंद्र जोशी के रूप में मिला। जिनका कार्यकाल 17 जनवरी 1978 तक रहा था। ये पहले ऐसे गैर कांग्रेसी नेता रहे जो मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए थे।

वीरेन्द्र कुमार सक्लेचा

वीरेंद्र कुमार सक्लेचा को प्रदेश के दसवें नंबर का मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। जिनका कार्यकाल 18 जनवरी 1978 से 19 जनवरी 1980 तक रहा था। ये दूसरे गैर कांग्रेसी नेता रहे जिन्हें सीएम पद मिला। इनका संबंध जनता पार्टी से था। 

सुंदरलाल पटवा

जनता पार्टी के ही नेता रहे सुंदर लाल पटवा मध्यप्रदेश के ग्यारहवें नंबर के मुख्यमंत्री बने थे। जिन्होंने 20 जनवरी 1980 से लेकर 17 फरवरी 1980 तक प्रदेश की जनता की सेवा की। ये एक महीने से भी कम सीएम पद पर रहे थे। सुंदर लाल पटवा के पार्टी ने एक बार और सीएम पद के लिए आगे नाम रखा और वो सीएम बने भी। जिनका कार्यकाल 5 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक रहा।

राष्ट्रपति शासन

सुंदर लाल पटवा के मुख्यमंत्री पद के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया था। जो करीब चार महीने तक रहा था। प्रदेश में 18 फरवरी 1980 से 8 जून 1980 तक राष्ट्रपति शासन लगा रहा।

अर्जुन सिंह

अर्जुन सिंह को कांग्रेस  हाईकमान ने तीन बार मुख्यमंत्री पद के लिए चुना था। जिनका पहला कार्यकाल 8 जून 1980 से 10 मार्च 1985, दूसरा 11 मार्च 1985 से 12 मार्च 1985, जबकि तीसरा कार्यकाल 14 फरवरी 1988 से  24 जनवरी 1989 तक रहा था।

मोतीलाल वोरा

मोतीलाल वोरा 13वें नंबर के मुख्यमंत्री बने थे। इन्होंने दो बार सीएम पद के लिए शपथ लिया था। पहला कार्यकाल 13 मार्च 1985 से लेकर 13 फरवरी 1988 तक रहा। जबकि दूसरा 25 जनवरी 1989 से 8 दिसंबर 1989 तक रहा।

राष्ट्रपति शासन
मध्यप्रदेश में साल 16 दिसंबर 1992 से लेकर 6 दिसंबर 1993 तक राष्ट्रपति शासन रहा। करीब एक वर्ष तक राष्ट्रपति शासन लगा रहा था।

दिग्विजय सिंह

मध्यप्रदेश के 14 वें मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बने थे। जिनका कार्यकाल 10 वर्षों तक रहा था। ये लगातार दो बार मुख्यमंत्री बने रहे। उनका पहला कार्यकाल 7 दिसंबर 1993 से लेकर 1 दिसंबर 1998 तक चला। जबकि दूसरा कार्यकाल 1 दिसंबर 1998 से 8 दिसंबर 2003 तक रहा था।

उमा भारती

मध्यप्रदेश की पहली महिला सीएम उमा भारती रही। जिनका कार्यकाल 8 दिसंबर 2003 से लेकर 23 अगस्त 2004 तक रहा। उमा 15 वें नंबर की सीएम रहीं थी। 

बाबूलाल गौर

मध्यप्रदेश का 16 वां मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर रहे। जिनका कार्यकाल 23 अगस्त 2004 से लेकर 29 नवंबर 2005 तक रहा था।

शिवराज सिंह चौहान

शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के 17 वें मुख्यमंत्री हैं। वो अब तक चार बार मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ले चुके हैं। उनका पहला कार्यकाल 29 नवंबर 2005 से 12 दिसंबर 2008 तक रहा। दूसरा कार्यकाल 13 दिसंबर 2008 से 13 दिसंबर 2013 तक रहा। जबकि तीसरा 14 दिसंबर 2013 से लेकर 17 दिसंबर 2018 तक रहा। वहीं 23 मार्च  2020 से अभी तक वो इस पद पर बने हुए हैं। 

कमलनाथ

प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री कमलनाथ रहे हैं। जो डेढ़ साल से कम समय तक मुख्यमंत्री के पद पर थे। इनका कार्यकाल 18 दिसंबर 2018 से लेकर 23 मार्च 2020 तक रहा था।  
 

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