कर्नाटक कांग्रेस ने भाजपा के जनस्पंदन कार्यक्रम को आयोग रैली बताया
कर्नाटक सियासत कर्नाटक कांग्रेस ने भाजपा के जनस्पंदन कार्यक्रम को आयोग रैली बताया
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के एक साल पूरे होने और भाजपा के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भाजपा के विशाल कार्यक्रम जनस्पंदन पर चुटकी लेते हुए राज्य कांग्रेस ने शनिवार को इसे आयोग रैली करार दिया। यह रैली आरोपों पर आधारित थी कि भाजपा नेता सरकार से संबंधित किसी भी काम के लिए 40 प्रतिशत कमीशन लेते हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने भाजपा के प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है और परियोजनाओं के लिए 40 प्रतिशत कमीशन लेती है। उन्होंने कहा कि यह जनस्पंदन रैली नहीं है, बल्कि आयोग की रैली है। सत्ताधारी सरकार को संकट में पड़े लोगों का बदला लेना चाहिए लेकिन दुख की बात है कि कोई भी मंत्री अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा नहीं करता है। भारी बारिश और बाढ़ से लोग संकट में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों की परेशानी सुनने के बजाय नेता अधिवेशन पर भारी पैसा खर्च कर रहे हैं।
जनस्पंदन राजनीति से प्रेरित कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरू में बाढ़ के कारण स्थिति इतनी खराब है कि लोग नावों में सवार होने को मजबूर हैं। सोशल मीडिया पर कर्नाटक कांग्रेस इकाई ने जनस्पंदन रैली को कमीशन का सम्मेलन करार दिया। अधिवेशन का आयोजन भाजपा नेताओं द्वारा 40 प्रतिशत कमीशन से लूटे गए धन से किया जा रहा है। कांग्रेस ने बीजेपी से आगे सवाल किया है कि क्या उसके नेता अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ता की हत्या करने का दावा करने वाले हैं? क्या आप इस बारे में बात करने जा रहे हैं कि आपने ठेकेदार संतोष पाटिल को कैसे खत्म किया?
जवाब में, भाजपा ने कांग्रेस और सिद्धारमैया पर पलटवार किया और बागवानी मंत्री मुनिरत्न ने सिद्धारमैया की 75वीं जयंती के जश्न पर सवाल उठाया। क्या कांग्रेस ने वहां पैसा खर्च नहीं किया था? एमएलसी एच विश्वनाथ ने कहा कि सिद्धारमैया के जन्मदिन समारोह के लिए 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इतनी राशि क्यों खर्च की, यह बाढ़ पीड़ितों को दिया जा सकता था।
(आईएएनएस)
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