जयशंकर ने यूएनएससी से दण्ड से मुक्ति के खिलाफ स्पष्ट संदेश मांगा
संयुक्त राष्ट्र जयशंकर ने यूएनएससी से दण्ड से मुक्ति के खिलाफ स्पष्ट संदेश मांगा
डिजिटल डेस्क, संयुक्त राष्ट्र। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से एक स्पष्ट संदेश मांगते हुए कहा कि, मानवाधिकारों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यूक्रेन में घटनाओं की स्वतंत्र जांच का आह्वान किया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि, राजनीति को कभी भी जवाबदेही से बचने के लिए कवर प्रदान नहीं करना चाहिए। न ही वास्तव में दण्ड से मुक्ति की सुविधा के लिए, उन्होंने ये यूक्रेन में दण्ड से मुक्ति पर एक सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में कहा, जिस पर रूस ने आक्रमण किया है। उन्होंने कहा, शांति और न्याय हासिल करने की बड़ी खोज के लिए दण्ड से मुक्ति के खिलाफ लड़ाई महत्वपूर्ण है। सुरक्षा परिषद को इस मामले में एक स्पष्ट संदेश देना चाहिए।
उन्होंने कहा, संघर्ष की स्थितियों में भी, मानवाधिकारों या अंतरराष्ट्रीय कानून (और) के उल्लंघन का कोई औचित्य नहीं हो सकता है, जहां ऐसी कोई भी घटना होती है, यह जरूरी है कि उनकी जांच एक उद्देश्यपूर्ण और स्वतंत्र तरीके से की जाए। जयशंकर ने कहा कि, भारत ने यूक्रेन के एक शहर बुका में हुई हत्याओं की स्वतंत्र जांच का समर्थन किया, जहां अप्रैल में रूसी सैनिकों के हटने के बाद 400 से अधिक शव मिले थे। लेकिन उन्होंने इस बात की निंदा की कि, राजनीति आतंकवादियों को मंजूरी देने के रास्ते में आ रही है, जिससे उन्हें दण्ड से मुक्ति मिल सके।
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के नेता के खिलाफ प्रतिबंधों को चीन द्वारा अवरुद्ध किए जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा, अफसोस की बात है कि हमने इसे हाल ही में इसी चैंबर में देखा है, जब दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने की बात आती है। पिछले हफ्ते चीन ने संयुक्त राष्ट्र में, लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। मीर भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक है और 2008 मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता भी है। बीजिंग ने अमेरिका की ओर से लाए उस प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी जिसके तहत मीर को संरा सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के अंतर्गत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाना था और उसे काली सूची में डाला जाना था। चीन ने अपने सहयोगी पाकिस्तान के इशारे पर सुरक्षा परिषद में इन पर लगे प्रतिबंधों को रोक दिया था।
जयशंकर ने कहा, यदि दिन के उजाले में किए गए गंभीर हमलों को छोड़ दिया जाता है, तो इस परिषद को उन संकेतों पर विचार करना चाहिए जो हम दण्ड से मुक्ति पर भेज रहे हैं। अगर हमें विश्वसनीयता सुनिश्चित करनी है तो निरंतरता होनी चाहिए। उन्होंने यूक्रेन में युद्ध को तत्काल समाप्त करने और कूटनीति की वापसी के लिए भारत की मांग को दोहराया और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला दिया कि यह युद्ध का युग नहीं हो सकता।
(आईएएनएस)
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