शिंदे गुट को बड़ी राहत, डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

महाराष्ट्र राजनीतिक संकट शिंदे गुट को बड़ी राहत, डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-27 03:41 GMT
शिंदे गुट को बड़ी राहत, डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को बड़ी राहत देते हुए डिप्टी स्पीकर के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। डिप्टी स्पीकर ने बागी शिंदे गुट के विधायकों को नोटिस जारी करते हुए आज शाम 5:30 बजे तक जवाब मांगा था। 

उद्धव सरकार को बड़ा झटका, शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, 11 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

बागी विधायक एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर, विधानसभा के सचिव, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र पुलिस, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी, सुनील प्रभु को नोटिस दे दिया है। इस नोटिस का जवाब सभी पक्षों को पांच दिनों के अंदर देना है। मामले की अगली सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी।  

ED के नोटिस पर संजय राउत का पलटवार, बागी विधायकों की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी

ED का नोटिस आने के बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह शिवसेना को रोकने की साजिश है। 

चारों तरफ संकट से घिरी उद्धव सरकार का बड़ा फैसला

महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। बागी विधायकों को सिक्योरिटी मिलने और उनके सुप्रीम कोर्ट में शरण लेने के बाद सियासी परिदृश्य में उतार चढ़ाव आने का सिलसिला जारी है।

बागी मंत्रियों के खिलाफ शिवसेना की बड़ी कार्रवाई। सीएम उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों के विभाग में पदस्थ किए नए मंत्री। एकनाथ शिंदे का विभाग भी छिना। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बागियों की वजह से प्रदेश का कामकाज प्रभावित नहीं होना चाहिए।

ED ने शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत को नोटिस भेजा है। दरअसल ये कोई जमीन घोटाले से जुड़ा हुआ मुद्दा है, जिसके लिए ED ने उन्हें कल (28 जून) पूछताछ के लिए बुलाया है। 

उधर, सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में एकनाथ शिंदे ने लिखा है कि महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने सदन में बहुमत खो दिया है क्योंकि शिवसेना विधायक दल के 38 सदस्यों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है और इस तरह सदन में बहुमत से नीचे आ गया है। 

सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई, बागी विधायकों की तरफ से लगाई गई हैं दो याचिकाएं

महाराष्ट्र में पिछले एक हफ्ते से चल रहे सियासी घमासान के बीच आज देश की राजधानी दिल्ली में विधायकों की दो बातों पर सुनवाई  होगी। ये याचिकाएं शिवसेना के बागी शिंदे गुट की तरफ से दाखिल की गई है। शिंदे गुट की तरफ से 16 विधायकों ने सर्वोच्च अदालत का रुख किया है, जहां उन्होंने दो चीजों की मांग की है। पहला तो यह की विधायकों ने उन्हें अयोग्य ठहराने के डिप्टी स्पीकर के नोटिस को अवैध बताते हुए चुनौती दी है और दूसरा उन्होंने खुद के और परिवार के लिए कोर्ट से सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है। 

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट की तरफ से दिग्गज वकील हरीश साल्वे जबकि शिवसेना की ओर से भी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी केस की पैरवी करेंगे। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से देवदत्त कामत तो वहीं डिप्टी स्पीकर की तरफ से एडवोकेट रवि शंकर जंध्याला केस लड़ेंगे।

मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी परदीवाला की पीठ करेगी। इस सुनवाई के दौरान 7 पक्ष शामिल रहेंगे, जिसमें डिप्टी स्पीकर, राज्य विधान सभा सचिव, महाराष्ट्र सरकार, अजय चौधरी (उद्धव की तरफ से विधायक दल के नए नेता), सुनील प्रभु (उद्धव सरकार के नए चीफ व्हिप), भारत संघ, डीजीपी महाराष्ट्र शामिल हैं। 

इन बागी विधायकों ने दायर की याचिका 

बागी शिंदे गुट के 16 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें भारत गोगावले, प्रकाश राजाराम सुर्वे, तन्हाजी जयवंत सावंत, महेश संभाजीराजे शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीपन आसाराम भुमरे, संजय पांडुरंग सिरशसती, यामिनी यशवंत जाधव, अनिल कलजेराव बाबर, लतबाई चंद्रकांत सोनवणे, रमेश नानासाहेब बोर्नारे, संजय भास्कर रायमुलकरी, चिमनराव रूपचंद पाटिल, बालाजी देवीदासराव कल्याणकर, बालाजी प्रहलाद किनिलकर और  भारत गोगावले के नाम शामिल है। 

किस मांग को लेकर दायर की गई याचिका 

अपनी याचिका में बागी विधायकों ने कहा है कि उन्होंने शिवसेना की सदस्यता नहीं छोड़ी है और शिवसेना विधायक दल के 2 तिहाई से ज्यादा समर्थन होने के बावजूद डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी के विधायक दल का नया नेता नियुक्त कर दिया। उन्होंने बताया कि नोटिस के बाद उन्हें और उनके अन्य साथियों को रोज धमकियां मिल रही हैं। बागी विधायकों ने शिवसेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने (शिवसेना) न सिर्फ उनके घर-परिवार से सुरक्षा वापस ले ली है, बल्कि बार-बार पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काने की कोशिश भी की जा रही है। याचिका में यह भी कहा गया है कि याचिकाकर्ता के कुछ सहयोगियों की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। 

 

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