चौथा चरण कांग्रेस और भाजपा के लिए महत्वपूर्ण

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 चौथा चरण कांग्रेस और भाजपा के लिए महत्वपूर्ण

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-21 10:31 GMT
चौथा चरण कांग्रेस और भाजपा के लिए महत्वपूर्ण

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी को होगा और इसके लिए सभी प्रमुख दलों ने मतदाताओं को लुभाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। इस चरण में 59 विधानसभा सीटों के लिए मतदान कराया जाएगा जिनमें से 16 सीटें आरक्षित हैं। इस चरण में पीलीभीत,लखीमपुर-खीरी,सीतापुर,लखनऊ,हरदोई,उन्नाव, राय बरेली,फतेहपुर और बांदा जिलों में मतदान कराया जाएगा।

इन जिलों की 59 सीटों के लिए 624 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और सबसे अधिक उम्मीदवार हरदोई जिले में सवायाजपुर सीट पर में हैं। लखीमपुर की पालिया और सीतापुर की सेवाता सीट पर छह -छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। चौथे चरण में रोहिलखंड, तराई क्षेत्र, अवध और बुंदेलखंड में मतदान कराया जाएगा।

भाजपा ने वर्ष 2017 में हुए चुनाव में 59 में से 51 सीटों पर जीत हासिल की थी। एक सीट उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने जीती थी। चार सीटों पर सपा ने जीत हासिल की, जबकि दो सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर बसपा ने जीत हासिल की थी। इस चरण में राज्य की राजधानी लखनऊ में भी मतदान हो रहा है, जिसमें नौ विधानसभा सीटें हैं। इनमें से आठ भाजपा के पास हैं।

चौथे चरण में लखीमपुर खीरी में भी मतदान होना है,जो तीन अक्टूबर की घटना के बाद किसान आंदोलन का केंद्र बिंदु बन गया है जिसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की एसयूवी की चपेट में आकर चार किसानों की मौत हो गई थी। आशीष मिश्रा पिछले हफ्ते जेल से जमानत पर छूटे थे।

इस घटना को लेकर विपक्ष लगातार भाजपा पर निशाना साधता रहा है और आशीष की रिहाई ने इस मामले को और तेज कर दिया है। यह चरण भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी 51 सीटों को बरकरार रखने की चुनौती का सामना कर रही है। पार्टी को तराई क्षेत्र में प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है जहां भाजपा सांसद वरुण गांधी अपनी ही पार्टी के खिलाफ मुद्दों पर बोल रहे हैं। वरुण किसान बहुल निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत से सांसद हैं।

केसरिया पार्टी को लखीमपुर में उग्र मतदाताओं का सामना करना पड़ता है जहां विपक्ष अक्टूबर की घटना को लेकर जनता को एकजुट कर रहा है । इसके अलावा सीतापुर में भाजपा का मुकाबला बागी उम्मीदवारों से है। कांग्रेस के लिए इन चुनावों की सबसे बड़ी चुनौती रायबरेली से है जहां से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह दोनों बागी होकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है और अगर पार्टी यहां से सीटें जीतने में विफल रहती है तो कांग्रेस को जोरदार शर्मिदगी का सामना करना पड़ेगा।

(आईएएनएस)

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