सख्त निर्देशों के प्रतिबंधों के बीच होंगे पांच राज्यों के चुनाव, आयोग ने जारी की गाइडलाइन्स

विधानसभा चुनाव 2022 सख्त निर्देशों के प्रतिबंधों के बीच होंगे पांच राज्यों के चुनाव, आयोग ने जारी की गाइडलाइन्स

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-08 11:41 GMT
सख्त निर्देशों के प्रतिबंधों के बीच होंगे पांच राज्यों के चुनाव, आयोग ने जारी की गाइडलाइन्स
हाईलाइट
  • 15 जनवरी के बाद हालातों का जायजा लेगा EC

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया हैं। इसके साथ ही चुनावों में प्रचार को लेकर निर्वाचन आयोग ने कई अहम दिशानिर्देश दिए है। आयोग ने चुनावी रोड शो, यात्रा, नुक्कड़ सभा और रैलियों पर रोक लगा दी  है। यह प्रतिबंध 15 जनवरी तक लागू रहेगा।

चुनाव आयोग ने ऑनलाइन नामांकन करने के लिए सुविधा ऐप भी लॉंच किया हैं। इसके जरिए लोग शिकायत सीधे  चुनाव आयोग से कर सकते हैं। आयोग ने डोर टू डोर कैंपेन के लिए केवल 5 लोगों को जाने के निर्देश दिए  हैं। 15 जनवरी के बाद  चुनाव आयोग स्थितियों का पुन जायजा लेगा और फिर से फैसला लेगा। 

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कुल सात चरणों में सपन्न होगा। यूपी में सात चरण, उत्तराखंड ,पंजाब और गोवा में  14 फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा। वहीं मणिपुर में दो चरण 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा। वहीं देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में सात चरण 10, 14, 20, 23, 27 फरवरी और  3 , 7 मार्च को मतदान होगा। सात मार्च को अंतिम चरण होगा। सभी चुनावी नतीजो की गणना 10 मार्च को की जाएगी। पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त  ने कहा मतदान केंद्रों की संख्या 2,15,368 होगी। चुनाव आयोग ने  2017 के विधानसभा चुनावों की अपेक्षा मतदान केंद्रों की संख्या 16% बढ़ाई गई है।  इन केंद्रों पर 18.34 करोड़ मतदाता मतदान कर सकेंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक  80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक, विकलांग मतदाता और कोविड  से पीडित लोगों के लिए अलग से मतदान करने की विशेष व्यवस्था की गई हैं।  चुनाव आयोग ने ऐसे मतदाताओं के लिए अलग से डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान कर सकते हैं।

कोरोना और ओमिक्रोन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग ने कई शर्तो के साथ चुनाव कराने का फैसला लिया हैं। क्योंकि कोरोना के बीच चुनाव कराना चुनाव आयोग का फर्ज है। आयोग के मुताबिक  किसी भी राजनीतिक पार्टी को चुनावी रैलियों की इजाजत नहीं होगी।  इसके अलावा आयोग ने चुनाव में जीत के बाद भी जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया गया है। 

 

 

 

 

 

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