चुनाव आयोग ने संघर्ष विराम समझौते के तहत उग्रवादियों को मणिपुर चुनाव में वोट डालने की अनुमति दी

मणिपुर विधानसभा चुनाव चुनाव आयोग ने संघर्ष विराम समझौते के तहत उग्रवादियों को मणिपुर चुनाव में वोट डालने की अनुमति दी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-22 16:00 GMT
चुनाव आयोग ने संघर्ष विराम समझौते के तहत उग्रवादियों को मणिपुर चुनाव में वोट डालने की अनुमति दी

डिजिटल डेस्क, इंफाल। चुनाव आयोग ने मणिपुर के वार्ता समर्थक उग्रवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं को फरवरी में दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डालने की अनुमति दी है।शीर्ष अधिकारियों ने शनिवार को जानकारी दी कि मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि उग्रवादी भी वोटिंग कर सकेंगे। हालांकि आयोग ने इसके लिए कई तरह की शर्तें भी रखी हैं। सिर्फ ऐसे उग्रवादी संगठनों के सदस्यों को वोट डालने का अधिकार दिया गया है, जिन्होंने सरकार से शांति समझौते के लिए हामी भरी है। मणिपुर में 27 फरवरी और तीन मार्च को वोटिंग होनी है।

मणिपुर के मुख्य चुनाव अधिकारी राजेश अग्रवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने वार्ता समर्थक उग्रवादी संगठनों के कैडरों को वोट डालने की अनुमति दी है, जो सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौते के तहत हैं और जो वर्तमान में राज्य में विभिन्न नामित शिविरों में रह रहे हैं। अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, वार्ता समर्थक उग्रवादी संगठनों के कार्यकतार्ओं को आगामी चुनावों में डाक मतपत्रों के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी जाएगी। विभिन्न उग्रवादी संगठनों के लगभग 2,000 कार्यकर्ता मणिपुर के विभिन्न हिस्सों में 14 नामित शिविरों में रह रहे हैं।

सीईओ ने कहा कि हालांकि, चरमपंथी संगठनों के कार्यकतार्ओं के नाम मणिपुर की मतदाता सूची में होने चाहिए। पोल पैनल ने केंद्र और राज्य सरकारों के परामर्श से यह निर्णय लिया है। मणिपुर गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मणिपुर में दो समूहों यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के तहत काम कर रहे 20 से अधिक कुकी उग्रवादी समूहों ने मणिपुर के साथ त्रिपक्षीय ऑपरेशन निलंबन समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

एक अन्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग ने आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों को भी वोट डालने के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति दी है। चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार, आवश्यक सेवाओं की सूची में बिजली विभाग, भारत संचार निगम लिमिटेड, रेलवे, पोस्ट और टेलीग्राम, दूरदर्शन, आकाशवाणी, स्वास्थ्य विभाग, विमानन, अग्निशमन सेवाएं, एम्बुलेंस सेवाएं और चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत मीडियाकर्मी शामिल हैं।

(आईएएनएस)

 

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