विदेशी ट्रिब्यूनल सदस्यों की बर्खास्तगी : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, असम को नोटिस जारी किया
असम विदेशी ट्रिब्यूनल सदस्यों की बर्खास्तगी : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, असम को नोटिस जारी किया
डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। सुप्रीम कोर्ट ने 200 अतिरिक्त विदेशी न्यायाधिकरणों (एफटी) के सदस्यों को बर्खास्त करने के मामले में केंद्र और असम सरकार को नोटिस जारी किया है, जिन्हें पहले राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से संबंधित मामलों को संभालने के लिए नियुक्त किया गया था।
गृह विभाग के आयुक्त और सचिव दिगंत बारा द्वारा 14 अक्टूबर को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से असम सरकार ने 23 सितंबर से उनकी सेवाएं बंद कर दी हैं। जिस तरह से उन्हें हटाया गया है, उससे इन सदस्यों में नाराजगी पैदा हुई और उनमें से कुछ ने सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।
एक वकील ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत की एक खंडपीठ को बताया कि लंबित विदेशियों के मामलों को निपटाने के लिए असम में 200 अतिरिक्त न्यायाधिकरण स्थापित किए जाने थे। इस समय लगभग 1.5 लाख विदेशी मामले न्यायाधिकरणों में निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने गलत तरीके से अतिरिक्त सदस्यों की सेवा को एनआरसी अभ्यास से जोड़ा। इसके अलावा, सरकार की अधिसूचना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का स्पष्ट उल्लंघन है।
फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल (एफटी) एक अर्ध-न्यायिक निकाय है और एफटी के सदस्य का पद न्यायाधीश के बराबर होता है। अगस्त 2019 में एनआरसी का पूरा मसौदा प्रकाशित होने के तुरंत बाद 100 नियमित एफटी के अलावा, असम सरकार ने अतिरिक्त 200 एफटी के लिए वकीलों, सेवानिवृत्त सिविल सेवकों और न्यायिक अधिकारियों को नियुक्त किया।
याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील की दलील सुनकर शीर्ष अदालत ने इस मामले पर राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
(आईएएनएस)
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