संसदीय समिति में करें फार्मा उद्योग के मुनाफे पर चर्चा
मनीष तिवारी संसदीय समिति में करें फार्मा उद्योग के मुनाफे पर चर्चा
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने फार्मा उद्योग के मुनाफे में चिंता जताई है और संसदीय समिति से इस पर गौर करने का आग्रह किया है। सोमवार को, तिवारी ने कहा, भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग ने कोरोना सैंपल नाम से काफी पैसा वसूला है। फार्मा उद्योग साल-दर-साल 37 प्रतिशत और क्यू1एफवाई 22 में क्रमिक रूप से 15 प्रतिशत बढ़ा है। विकास कोरोना उपचार ड्रग्स और अन्य दवाओं की बिक्री से प्रेरित है।
तिवारी ने रिपोटरें के हवाले से कहा कि वित्त वर्ष 2021 में फार्मा निर्यात में 24 अरब डॉलर की वृद्धि हुई जो बढ़कर 18.4 प्रतिशत हो गई और यह देश में 9 सालों में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि फार्मा कंपनियां समाज को कुछ भी वापस नहीं दे रही हैं। उन्होंने कहा, क्या उन्होंने समुदाय को कुछ वापस दिया है। कोरना के दौरान फार्मास्युटिकल उद्योग की लाभप्रदता पर पूरी चर्चा होनी चाहिए। मैं स्वास्थ्य पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष से इस मुद्दे की विस्तार से जांच करने का आग्रह करता हूं ।
मंत्रालय की वेबसाइट में नई रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय दवा उद्योग मात्रा के हिसाब से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और मूल्य के मामले में 14वां सबसे बड़ा है। साल 2019-2020 के लिए फार्मास्यूटिकल्स का कुल वार्षिक कारोबार 2,89,998 करोड़ रुपये था। कुल दवा उद्योग वर्ष 2019-20 में निर्यात और आयात क्रमश: 1,46,260 करोड़ रुपये और 42,943 करोड़ रुपये था।
फार्मास्यूटिकल्स विभाग अपनी वेबसाइट पर बिना किसी समय सीमा का उल्लेख किए कहता है कि भारत ने अमेरिका, यूरोप, जापान और ऑस्ट्रेलिया में अत्यधिक विनियमित बाजारों सहित 200 से अधिक देशों को 15 अरब अमेरिकी डॉलर की दवाओं का निर्यात किया। बड़ी भारतीय फार्मा कंपनियां उत्तरी अमेरिका में विकसित हो रहे जेनेरिक स्पेस में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी बनकर उभरी हैं और इस क्षेत्र में एक बेजोड़ प्लेटफॉर्म तैयार किया है। भारतीय कंपनियां भी दुनिया भर के उभरते बाजारों में विशेष रूप से एंटी-इंफेक्टिव और एंटीरेट्रोवायरल में एक मजबूत पोर्टफोलियोके साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
(आईएएनएस)