कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना, कहा- बीजेपी सरकार के दबाव के बाद गुजरात चुनाव का हुआ ऐलान
विधानसभा चुनाव -2022 कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना, कहा- बीजेपी सरकार के दबाव के बाद गुजरात चुनाव का हुआ ऐलान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के बाद चुनाव आयोग ने 3 नवंबर को गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी हैं। जिसके बाद से ही सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने आयोग से सवाल किए हैं। कांग्रेस नेता रघु शर्मा ने कोसते हुए कहा कि चुनाव आयोग का शुक्रिया कि बीजेपी सरकार के दबाव के बाद गुजरात के चुनाव का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा आयोग को यह बताना भी चाहिए कि दोनों राज्यों के रिजल्ट्स एक दिन हैं, तो मतदान के दिन क्यों नहीं? उन्होंने सीधा चुनाव आयोग को बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया हैं।
— Congress (@INCIndia) November 3, 2022
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि हिमाचल प्रंदेश में ऐसा पहली बार हुआ कि तारीख की घोषणा 14 अक्टूबर को हुई और आचार संहिता 17 से लागू हुई, कारण ये था की उसके पहले पीएम का कार्यक्रम था। कांग्रेस ने आगे कहा कि मोरबी पुल हादसे के बाद से सभी कार्यक्रमो को रद्द कर दिए थे। लेकिन उसके बाद पीएम मोदी बस संवेदना दिखाने की बजाए टोपी पहन कर वहां कार्यक्रम को चालू रखा, जबकि वो वहां के सीएम रहे हैं।
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी बड़ा हमला बोला और कहा कि गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में घायलों से मिलने जाने से पहले ही सभी चीजें व्यवस्थित हो चुकी थी। जैसे हादसे में एक मरीज की पट्टी पहले छोटी थी, पीएम के दौरे के वक्त लंबी हो गयी थी। आगे यह भी कहा कि गुजरात के एक मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ आरोपी कंपनी के मालिक के साथ की फोटो दिखी थी।
चुनावी फायदे के कारण जर्जर पुल का उद्धाटन कर दिया गया है। कांग्रेस ने इस मामले पर सुप्रीम या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों से जांच करने की मांग की है। साथ ही कांग्रेस का कहना है कि एसआईटी सरकारी के कर्मचारी हैं, जिससे न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब
कांग्रेस पार्टी की तरफ से पूछे गए सवाल पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया और कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव में देरी कई कारण हैं। एक कारण है कि हाल ही में हुए मोरबी में पुल हादसे की वजह से पूरे राज्य में राजकीय शोक था। जिस वजह चुनाव की तारीखों में विलंब हो गया।