पीएम मोदी के कर्नाटक दौरे से सहमी कांग्रेस! भाजपा की भी स्थिति कुछ खास नहीं, प्रदेश कांग्रेस ने लगाई पार्टी हाईकमान से ये उम्मीदें
कांग्रेस-बीजेपी में टेंशन! पीएम मोदी के कर्नाटक दौरे से सहमी कांग्रेस! भाजपा की भी स्थिति कुछ खास नहीं, प्रदेश कांग्रेस ने लगाई पार्टी हाईकमान से ये उम्मीदें
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक में भले ही विधानसभा चुनाव का बिगुल न बजा हो। लेकिन भारतीय जनता पार्टी काफी हद तक एक्टिव हो गई है। प्रदेश की जनता को साधने के लिए हर तरह का जतन कर रही है। ताकि जनता में पार्टी के खिलाफ उपजी हुई नाराजगी को खत्म किया जा सके। इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी का दौरा माना जा रहा है। बता दें कि, पीएम मोदी 12 मार्च को कर्नाटक दौरे पर गए हुए हैं। जहां पर उनका स्वागत कर्नाटकवासियों ने भव्य तरीके से किया। लंबे रोड शो के दौरान उन पर सड़क किनारे लोगों ने फूलों से स्वागत किया जहां पीएम मोदी तमाम लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए नजर आए।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पीएम का यह दौरा चुनाव के लिए काफी अहम हो जाता है। पार्टी को लगता है कि पीएम चुनाव के वक्त प्रदेश में आते-जाते रहेंगे तो बीजेपी का प्रदर्शन काफी शानदार हो सकता है और एक बार फिर सता में आने का सपन्ना हकीकत में बदल सकता है।
पीएम मोदी के दौरे से क्यों लगा डर?
कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी भी पूरी दमखम के साथ बीजेपी के समझ खड़ी हुई नजर आ रही है। पार्टी के नेता बसवराज सरकार को समय-समय पर घेरते हुए दिखाई दे रहे हैं। जबकि नेता अलग-अलग इलाकों में जाकर भाजपा के खिलाफ जोरोशोर से प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं। पीएम के लगातार दौरे से प्रदेश कांग्रेस में भय का माहौल भी बना हुआ है। कनार्टक राज्य की राजनीति को गहन से समझने वाले विश्लेषकों की मानें तो पीएम के दौरे से प्रदेश कांग्रेस में टेंशन का माहौल है क्योंकि पीएम मोदी की लोकप्रियता उन्हें सता रहा है। पार्टी नेताओं को लगता है कि अगर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ राजनीतिक तौर पर लोगों को खड़ा करना होगा तो सरकार की गलत नीतियों को जन जन तक पहुंचाना होगा तभी प्रदेश की जनता कांग्रेस पार्टी पर अपना विश्वास जता पाएगी और सत्ता में आने का जो सपन्ना है तभी जाकर साकार हो पाएगा।
कर्नाटक कांग्रेस को हाईकमान से क्या है उम्मीदें?
प्रदेश कांग्रेस के नेता पार्टी हार्कमान से उम्मीद लगाए हुए हैं कि वो दिल्ली से आकर राज्य में जनता को साधने का काम करें, ताकि कांग्रेस चुनाव से पहले ही मजबूती से खड़ा हो सके। इन सबसे इतर बीजेपी को भी पूर्व सीएम येदियुरप्पा का राजनीति से सन्यांस लेना सता रहा है। पार्टी पीएम मोदी पर निर्भर तो नजर आ ही रही है साथ ही वो बीएस येदियुरप्पा का नाम तमाम रैलियों में जिक्र किए बिना नहीं रह रही है। यहां तक की पिछले कर्नाटक दौरे पर आए हुए पीएम मोदी ने पूर्व सीएम येदियुरप्पा का जिक्र करते हुए कहा था कि इनके राज में प्रदेश ने कई ऊंचाइयां हासिल की और इन्होंने राज्य को गौरवान्वित करने का काम किया है।
येदियुरप्पा के भरोसे हाईकमान?
भाजपा पर ये आरोप लगते रहे हैं कि पहले बीएस येदियुरप्पा को उसने कोई तवज्जो नहीं दी थी। लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव को पास में देखते हुए उनका गुणगान करने लगी है। बता दें कि, येदियुरप्पा की पकड़ प्रदेश की हर समुदाय में अच्छी खासी है। लिंगायत समुदाय से आने वाले बीएस को अपने समुदाय से काफी प्यार मिला है, जिसकी बदौलत वो चार बार राज्य के सीएम पद पर बने रहे। लिंगायत समुदाय में लोकप्रियता को देख बीजेपी एक बार फिर से येदियुरप्पा से संपर्क बनाने लगी है। हालांकि, दोनों पार्टियों को अपनी-अपनी मजबूत और कमजोर कड़ी का पता बखूबी है और उसे ठीक करने के लिए पूरी जद्दोजहद जारी है और अब देखना होगा की मई महीने में होने वाले चुनाव परिणाम किसके पक्ष में आता है। भारतीय जनता पार्टी पीएम मोदी के चेहरे को आगे करके चुनाव में जीत दर्ज करने का पहला इक्का चल दिया है लेकिन देखना होगा की इस बार कांग्रेस की क्या रणनीति रहने वाली है।
पीएम मोदी मैसूर-बेंगलुरू एक्सप्रेसवे का करेंगे उद्घाटन
दरअसल, बीते दो महीने में पीएम मोदी का यह छठी बार कर्नाटक का दौरा है। जिसे सीधे तौर पर चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। हालांकि, इस बार पीएम मैसूर-बेंगलुरू एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के लिए गए हुए हैं। इस एक्सप्रेसवे की वजह से मैसूर से बेंगलुरू तक की यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और महज 75 मिनट में अपने गंतव्य स्थान पर यात्री पहुंच सकते हैं। इसके अलावा सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन पर पीएम मोदी दुनिया के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म का उद्घाटन करने वाले हैं। ऐसे कई पूरे किए गए कार्यों को पीएम मोदी उद्घाटन करके आम जनता को सौंपने वाले हैं।