बिहार में शराबबंदी पर बदली रणनीति, अब शराब पीने वालों की बजाय बेचने वालों पर एक्शन होगा तेज
नीतीश का वार क्या होगा कारगर बिहार में शराबबंदी पर बदली रणनीति, अब शराब पीने वालों की बजाय बेचने वालों पर एक्शन होगा तेज
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में शराब पर बैन लगे एक अरसा हो गया है लेकिन नितीश सरकार अभी भी पूरी तरह से इस पर लगाम नहीं कस पाई है। राज्य में आए दिन जहरीली शराब पीने से मरने वालों की घटनाएं सामने आती रहती है। इसके अलावा अवैध तरीके से शराब बेचने के मामले भी आते रहते हैं। इस बीच प्रदेश में बढ़ते विपक्ष के दवाब और इसे सही से लागू करने के लिए मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने समीक्षा बैठक की है, जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को नए निर्देश जारी किए हैं। इस बैठक में सीएम ने शराबियों को पकड़ने की बजाय शराब तस्करों, भंडारण और बिक्री करने वाले लोगों पर नकेल कसने को कहा गया है।
इस बात की जानकारी, बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने शराबबंदी पर मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा इस बात पर जोर दिया गया है कि प्रदेश में शराब का सेवन करने वालों की बजाय इस बात पर जोर दिया जाए कि शराब की सप्लाई लाइन को काटा जाए जिससे लोग शराब न पीएं।
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा, "अगर हम एक शराब के सप्लायर को पकड़ते हैं तो उससे जुड़े 1000 पीने वालों की सप्लाई बंद हो जाती है। शराब पीने वालों के पीछे दौड़ने से अच्छा है कि शराब की सप्लाई लाइन को ही काट दिया जाए। कोई शराब पिए पकड़ा जाएगा तो कार्रवाई होगी मगर प्राथमिकता है कि शराब की सप्लाई लाइन को ही बंद कर दिया जाए।"
बता दें, 26 नवंबर 2015 को शराबबंदी लागू की गई थी लेकिन आठ साल बाद भी बिहार में दिक्कतों के बीच सरकार लगातार अपनी रणनीति को बदलते आ रही है। शायद इसलिए ही सरकार ने अब इस कड़ी में शराबियों को पकड़ने के बजाय शराब तस्कर, शराब का भंडारण और इसकी बिक्री करने वालों पर नकेल कसने की नई रणनीति बनाई गई है।