सप्तऋषि बजट के राजनीतिक फायदे पर बीजेपी के मेगा प्रचार अभियान की नजर
नई दिल्ली सप्तऋषि बजट के राजनीतिक फायदे पर बीजेपी के मेगा प्रचार अभियान की नजर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमृतकाल के पहले सप्तऋषि बजट के जरिए भाजपा देश के हर वर्ग के मतदाताओं को साधना चाहती है। यही वजह है कि एक तरफ जहां एक फरवरी को सदन में बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आंकड़ों के साथ-साथ देश की ग्रामीण जनसंख्या, जनजाति, किसान, महिला, मध्यम वर्ग, वरिष्ठ नागरिक, एमएसएमई, व्यापारी, युवा, सहकारिता एवं विश्वकर्मा, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कौशल पर खास फोकस करते हुए समाज के हर वर्ग को कुछ न कुछ देने की कोशिश की।
वहीं दूसरी तरफ सरकार के साथ-साथ संगठन के स्तर पर पार्टी ने भी इसके देशव्यापी प्रचार-प्रसार का मेगा अभियान शुरू कर दिया। इसके लिए भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने अपने नेताओं की एक समिति तक बना दी और जिस दिन वित्त मंत्री ने सदन में बजट पेश किया, पार्टी ने उसी 1 फरवरी से बजट की खूबियों के बारे में आम जनता को जानकारी देने के लिए बड़ा अभियान छेड़ दिया। यह अभियान 12 फरवरी तक चलेगा।
बजट के प्रचार-प्रसार के इस मेगा अभियान में भाजपा 4 फरवरी से लेकर 12 फरवरी के दौरान अपने केंद्रीय मंत्रियों की फौज को भी देश भर में उतारने की रणनीति बना चुकी है। मोदी सरकार के मंत्री इस दौरान देश के 50 से ज्यादा शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम जनता को सरल भाषा में बजट की खूबियों के बारे में बताएंगे।
मेगा अभियान के अंतर्गत भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है वहां नेता प्रतिपक्ष या कोई अन्य वरिष्ठ नेता प्रेस कांफ्रेंस या सेमिनार के जरिए लोगों को बजट की अच्छाईयों के बारे में बताएंगे।
शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पार्टी सांसदों को भी बजट की खूबियों और उन पॉइंट्स के बारे में ब्रीफ किया जिन्हें लेकर सांसदों को जनता के बीच जाना है, अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में स्थानीय मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाना है, प्रवास कार्यक्रमों के दौरान खास तौर से इन पॉइंट्स का प्रचार करना है और विरोधी दलों के आरोपों का संसद के अंदर और बाहर, दोनों जगह पुरजोर तरीके से जवाब देना है। निर्मला सीतारमण के इस बजट वर्कशॉप में पार्टी के लोक सभा और राज्य सभा, दोनों सदनों के सांसद मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट को वंचितों को वरीयता देने वाला बजट बताते हुए कहा था कि अमृतकाल का ये पहला बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। मोदी ने इसे ऐतिहासिक बजट बताते हुए कहा था कि ये बजट गांव-गरीब, किसान और मध्यम वर्ग के साथ ही सभी के सपनों को पूरा करने वाला बजट है।
प्रधानमंत्री ने खासतौर से इस बजट को शहरों से लेकर गांवों में रहने वाली एवं कामकाजी महिलाओं से लेकर गृहणियों तक, पारंपरिक कारीगरों, खेती-किसानी, छोटे एवं आदिवासी किसानों, मध्यम वर्ग, आयकरदाताओं और युवाओं सहित देश के सभी वर्गों के लिए लाभकारी बताते हुए भाजपा के इस मेगा प्रचार-प्रसार अभियान की दशा और दिशा भी तय कर दी है।
भाजपा का यह मानना है कि इस अभियान के जरिए मतदाताओं को लुभाया जा सकता है और पार्टी ने शुक्रवार से ही त्रिपुरा विधान सभा के चुनाव प्रचार अभियान में इसे जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है। पार्टी के प्रचारक मेघालय और नागालैंड में भी चुनाव प्रचार के दौरान इसे जोर-शोर से उठाएंगे।
दरअसल, त्रिपुरा में 16 फरवरी और मेघालय एवं नागालैंड में 27 फरवरी को विधान सभा का चुनाव होना है। इन तीनों राज्यों के अलावा इस वर्ष देश के 6 अन्य राज्यों - मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना और मिजोरम में भी विधान सभा का चुनाव होना है। अगले वर्ष, 2024 में लोक सभा का भी चुनाव होना है।
दरअसल, भाजपा के रणनीतिकारों का यह मानना है कि अमृतकाल के इस पहले बजट में देश के सभी तबके के लोगों के लिए कुछ न कुछ है। इस बजट में सभी के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं जिसकी जानकारी सरल और आसान भाषा में लोगों तक पहुंचाने का फायदा पार्टी को इस साल होने वाले विभिन्न राज्यों के विधान सभा चुनावों के साथ-साथ अगले वर्ष होने वाले लोक सभा चुनाव में भी मिलना तय है।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.