ओडिशा के मंत्री की हत्या को लेकर भाजपा का प्रदर्शन हिंसक हुआ, कई घायल

भुवनेश्वर ओडिशा के मंत्री की हत्या को लेकर भाजपा का प्रदर्शन हिंसक हुआ, कई घायल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-28 17:30 GMT
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डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का ओडिशा विधानसभा का घेराव मंगलवार को उस समय हिंसक हो गया जब पुलिस ने उन्हें विधानसभा की ओर मार्च करने से रोक दिया। मंत्री नाबा दास की हत्या और राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के विरोध में प्रदर्शन कर रहे भाजयुमो कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की जिसके बाद पीएमजी चौक रणक्षेत्र में तब्दील हो गया।

इस झड़प में एसीपी रैंक के एक अधिकारी समेत कई पुलिस अधिकारी और भाजयुमो कार्यकर्ता घायल हो गए। पुलिस ने भाजयुमो के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया। बीजेवाईएम ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने हत्याकांड की सीबीआई जांच की भी मांग की। भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष इरासिस आचार्य ने कहा कि मंत्री की हत्या को एक महीना बीत चुका है, लेकिन ओडिशा पुलिस कारण का पता लगाने में नाकाम रही है। आचार्य ने आरोप लगाया कि मंत्री की दिनदहाड़े हत्या के अलावा महांगा दोहरे हत्याकांड, परी हत्याकांड और ममिता मेहर हत्याकांड संकेत देते हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है।

एसीपी, जोन-2, कटक, अमिताव महापात्र झड़प में गंभीर रूप से घायल हो गए, भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने विरोध के दौरान उन्हें बेरहमी से लाठियों से पीटा। बाद में, डीजीपी सुनील बंसल, पुलिस आयुक्त सौमेंद्र प्रियदर्शी के साथ राजधानी अस्पताल गए जहां घायल पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है। ओडिशा भाजपा अध्यक्ष समीर मोहंती और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी कैपिटल अस्पताल में अपने घायल कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। पत्रकारों को संबोधित करते हुए, पुलिस आयुक्त प्रियदर्शी ने कहा कि झड़प में 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि उनमें से कुछ को सिर में भी चोटें आईं जो गंभीर रुप से घायल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पांच पुलिस वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, हिंसक गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डीजीपी बंसल ने मीडियाकर्मियों से कहा- चूंकि विधानसभा का सत्र चल रहा है, यह पुलिस का कर्तव्य है कि वह किसी को भी अराजकता पैदा करने की अनुमति न दे। जब हमने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो वह हिंसक हो गए। उन्होंने पुलिस पर पत्थर, अंडे और पानी की बोतलें फेंकी। इसके बावजूद पुलिस ने बेहद संयम से स्थिति को संभाला।

(आईएएनएस)

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