सपा के फतेह सिंह के सामने महाराजपुर को 8 वीं बार फतेह करने में भाजपाई मंत्री महाना को छूट रहा है पसीना
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 त्रिकोणीय मुकाबला सपा के फतेह सिंह के सामने महाराजपुर को 8 वीं बार फतेह करने में भाजपाई मंत्री महाना को छूट रहा है पसीना
- विकास और बेरोजगारी कौन लगाएंगा नैया पार
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। आज हम महाराजपुर विधानसभा सीट की बात करेंगे। ये वो महाराजपुर सीट है जो कानपुर जिले में आती है। आपको बता दें कुछ समाचार एजेंसी मध्यप्रदेश के छतरपुर में पड़ने वाली महाराजपुर सीट की चर्चा यूपी चुनाव में करते नजर आ रहे है। महाराजपुर सीट पर बीजेपी का ज्यादातर मुकाबला बीएसपी से रहा है। दो बार के चुनावी नतीजों में यहां बीएसपी दूसरे नंबर पर रही है।
कानपुर नगर जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट का नाम गांव के नाम पर रखा गया है,महाराजपुर सीट से बीजेपी के सात बार के विजेता योगी सरकार के मंत्री सतीश महाना चुनावी मैदान में है।
महाना की बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शुरू से ही मजबूत पकड़ मानी जाती है। बीजेपी के पुराने झंडाबरदार महाना उन भाजपाईयों में शुमार है जो विपरीत परिस्थितियों में भी बीजेपी के साथ बने रहे और हर बार बीजेपी को जीत का मजा चकाया।
महाना को बीजेपी का एक निष्ठावान सिपाही माना जाता है। सात बार के बीजेपी विजेता के सामने इस बार की लड़ाई पहले की अपेक्षा ज्यादा कड़ी नजर आ रही है। 35 वर्षों से विधायक रहे मंत्री सतीश महाना के सामने 36 वर्षीय फतेह बहादुर सिंह समाजवादी पार्टी की तरफ से चुनावी मैदान में है। फतेह सिंह महाना के महल को भेदने के लिए पुरजोर कोशिश में जुटे है।
फतेह सिंह बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे है, और अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे है। वहीं विधायक महाना लोगों के बीच अपने 36 साल के विकास बिजली और कार्यो को लेकर पहुंच रहे है।
महाना की मेहरबानी बनी फतेह को सपा प्रत्याशी बनाने मे
फतेह बहादुर सिंह को टिकट मिलने के पीछे महाना का हाथ है। आपको बता दें पिछले साल फतेह सिंह ने गुलाब लेकर बढ़ती बेरोजगारी को लेकर सतीश महाना के बंगले के सामने प्रदर्शन किया। इससे नाराज होकर महाना ने फतेह सिंह पर गुंडा एक्ट लगवाकर फतेह सिंह को जेल में भिजवा दिया। फतेह सिंह इसी का दुखड़ा रोते हुए लोगों से बेरोजगारी के मुद्दे पर वोट मांग रहे हैं।