मप्र में भाजपा सरकार और संगठन दोनों मोर्चे पर
राजनीति मप्र में भाजपा सरकार और संगठन दोनों मोर्चे पर
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी पिछले चुनाव से कहीं ज्यादा गंभीर है। यही कारण है कि राज्य सरकार और संगठन दोनों मोर्चा संभाले हुए हैं और जनता के करीब पहुंचने के लिए हर जतन कर रहे हैं।
भाजपा वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार से सबक लेती नजर आ रही है। इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वह कोई ऐसी चूक करने को तैयार नहीं है, जिससे उसका सत्ता में बने रहने का रास्ता मुश्किल भरा हो जाए। सत्ता और संगठन से जुड़े लोग अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं। मुख्य तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा पूरी तरह चुनावी तैयारियों में जुटे हैं।
सरकार लगातार विभिन्न वर्गो का दिल जीतने के लिए योजनाओं का ऐलान कर रही है, तो वही विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर सरकार की योजनाएं गिना रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने अभी हाल ही में आधी आबादी का दिल जीतने के लिए लाडली बहना योजना का ऐलान किया और उसके फार्म भी भरे जा रहे हैं, तो वहीं विभिन्न वर्गो के आयोजन का सिलसिला भी शुरू हो गया है। सामाजिक संगठनों का महाकुंभ हुआ तो वही युवाओं से संवाद करने की तैयारी है।
एक तरफ जहां सरकार योजनाओं से मतदाताओं को लुभाने में लगी है तो दूसरी और संगठन की सक्रियता लगातार बनी हुई है। बूथ विस्तारक अभियान-2 चलाया जा रहा है, जिसमें तमाम बड़े नेताओं से लेकर अन्य पदाधिकारी बूथ स्तर पर पहुंच रहे हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय नेतृत्व के प्रतिनिधि भी कार्यकर्ताओं की बैठक कर रहे हैं और उन्हें उत्साहित करने में लगे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा आगामी चुनाव को आसान मानकर नहीं चल रही है, वास्तव में ऐसा है भी। इसके कारण भी हैं। एक तरफ कांग्रेस जहां पूरा जोर लगाए हुए हैं, वहीं जनता में राज्य सरकार के खिलाफ नाराजगी भी है। ऐसे में जरा सी चूक पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है। इसे सत्ता और संगठन जान रहा है, समझ रहा है। यही कारण है कि सत्ता और संगठन ने अपने आप को चुनाव की तैयारियों में झोंक दिया है।
(आईएएनएस)
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