मध्य प्रदेश में SC-ST वर्ग को साधने में जुटी बीजेपी, चुनावी रैलियों के जरिए जनाधार बढ़ाने की कोशिश
बीजेपी का 'प्लान SC-ST' मध्य प्रदेश में SC-ST वर्ग को साधने में जुटी बीजेपी, चुनावी रैलियों के जरिए जनाधार बढ़ाने की कोशिश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में बीजेपी की चुनावी तैयारियां जोरों शोरों पर है। चुनावी दौरे के जरिए बीजेपी SC-ST वर्ग को भी साधने में लगी हुई है। इसके लिए बीजेपी सरकार इस साल अंबेडकर जयंती के अवसर पर अजा (अनुसूचित जाति) वर्ग को साधने के लिए नई योजनाओं का भी ऐलान कर सकती है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेतागण अजा बस्तियों में स्नेह यात्रा निकालने की तैयारी में भी जुटी हुई है।
पिछले दो सालों से आदिवासियों के हितों के लिए योजनाएं बनाने और उस विचार-विमर्श करने के बाद बीजेपी अजा वर्ग के वोटर को साधने में जुटी है। इसकी धमक पिछले महीने सागर जिले में सुनाई दी। यहां पर बीजेपी ने संत रविदास मंदिर बनवाने की घोषणा की। इस मंदिर को 100 करोड़ की लागत से बनवाया जायेगा। इसके लिए प्रदेश भाजपा ने स्थानीय निवासी को अपने घरों से एक मुट्ठी चावल, एक ईंट और गांव की मिट्टी जुटाकर इस मंदिर के निर्माण में सहयोग की अपील की। अब बीजेपी की नई रणनीति अगले 14 से 16 अप्रैल के बीच इस वर्ग को लेकर नई योजनाओं पर काम करने की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अंबेडकर जयंती के अवसर पर भीम राव अंबेडकर की जन्मस्थली महू (इंदौर) जाएंगे। इस दौरान वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
बीजेपी की रणनीति
वहीं 16 अप्रैल को सीएम शिवराज समेत बीजेपी के कई बड़े नेता ग्वालियर में अजा वर्ग के वृहद सम्मेलन में शामिल होंगे। अटकलें है कि इसी दिन सीएम शिवराज सिंह नई योजना का घोषणा कर सकते हैं। बता दें कि, साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को ग्वालियर क्षेत्र से भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद चुनावी नतीजे आने पर बीजेपी को यहां से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। इसलिए इस सम्मेलन के जरिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और इस क्षेत्र का बड़ा चेहरा ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जनता से सीधा संवाद करेंगे। बीजेपी के इस सम्मेलन को अजा वर्ग के फायदे के तौर पर देखा जा रहा है।
समझें आंकड़ों का खेल
बता दें कि, 230 विधानसभा सीटों वाली मध्य प्रदेश में सामान्य वर्ग के लिए 148, अनुसूचित जनजाति के लिए 47 और अनुसूचित जाति के लिए 35 सीटें आरक्षित हैं। राज्य में करीब ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग मतदाता 48 फीसदी, अनुसूचित जनजाति वोटर 17 फीसदी और अनुसूचित जाति राज्य की आबादी का 21 फीसदी है। ऐसे में यदि इन जातियों का गठजोड़ बीजेपी निकाल लेती है तो चुनावी माहौल सीएम शिवराज के पक्ष में चला जायेगा।