पानीपत में आरएसएस की बड़ी बैठक- भागवत, नड्डा और संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के 1400 से अधिक नेताओं का विचार मंथन
नई दिल्ली पानीपत में आरएसएस की बड़ी बैठक- भागवत, नड्डा और संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के 1400 से अधिक नेताओं का विचार मंथन
डिजिटल डेस्क, पानीपत/नई दिल्ली। इस वर्ष राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना सहित छह राज्यों में विधान सभा का चुनाव होना है। भाजपा इन विधान सभा चुनावों की तैयारियों के साथ-साथ अगले वर्ष होने वाले लोक सभा चुनाव की तैयारियों में भी जोर-शोर से जुट गई है।
चुनावी तैयारियों और राजनीतिक घमासान के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक बड़ी बैठक हरियाणा के पानीपत में होने जा रही है। हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा स्थित पट्टीकल्याणा के सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में 12, 13 और 14 मार्च को संघ की सबसे महत्वपूर्ण और निर्णय लेने वाली उच्च इकाई - अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होने जा रही है।
ऐतिहासिक नगरी पानीपत में होने जा रही इस महत्वपूर्ण और बड़ी बैठक में संघ प्रमुख सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सह सरकार्यवाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं भाजपा राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ-साथ संघ से जुड़े 34 विभिन्न संगठनों के 1400 से ज्यादा प्रतिनिधि तीन दिनों तक विचार-विमर्श कर पिछले वर्ष किए गए कार्यों की समीक्षा के साथ ही संघ द्वारा आगामी वर्ष में किए जाने वाले कार्यों की योजना तैयार करेंगे। बैठक में शामिल प्रतिनिधि देश की वर्तमान परिस्थिति और जमीनी हालात को लेकर अपने-अपने अनुभवों को बैठक में रखेंगे। देश की वर्तमान स्थिति से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बैठक में अहम चर्चा होने और प्रस्ताव भी पारित किए जाने की संभावना है। राजनीतिक लिहाज से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक में सबकी निगाहें इस बात पर भी रहेंगी कि संघ प्रमुख मोहन भागवत अपने संबोधन में किन मुद्दों पर ज्यादा फोकस रखते हैं।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संघ की सबसे महत्वपूर्ण सभा होती है। हर वर्ष यह बैठक की जाती है और इस वर्ष प्रतिनिधि सभा की यह महत्वपूर्ण बैठक 12, 13 और 14 मार्च को हरियाणा के पानीपत में होने जा रही है। इस बैठक में देशभर से संघ से जुड़े 34 विभिन्न संगठनों के 1400 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्होंने आगे बताया कि इस तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में आने वाले प्रस्तावों को तय करने के लिए बैठक शुरू होने से एक दिन पहले 11 मार्च को अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक होगी। इस बैठक में प्रतिनिधि सभा में आने वाले प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी।
सुनील आंबेकर ने कहा कि 12 मार्च को प्रतिनिधि सभा की बैठक का शुभारंभ होगा। जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सह सरकार्यवाह, अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य, भाजपा सहित संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, सभी क्षेत्र व प्रांतों के संघचालक व कार्यवाह मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। प्रतिनिधि सभा में शताब्दी वर्ष कार्य विस्तार योजना 2022-23 की समीक्षा होगी और साथ ही अनुभव के आधार पर 2023-24 की कार्य योजना भी बनेगी।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष की समीक्षा के साथ-साथ 2025 तक नए लोगों को संघ से जोड़ा और वर्ष 2023-24 की कार्य योजना तैयार करने पर भी चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि संघ की रीढ़ शाखा है और शाखा सामाजिक पर्वितन का केंद्र है। शाखा के स्वयंसेवक सामाजिक परिस्थितियों के अध्य्यन के आधार पर विषयों का चयन करते हैं, और समाज परिवर्तन के लिए कार्य करते हैं। समाज को स्वावलंबी बनाने, सेवा कार्यों का विस्तार, समाज में सामाजिक समरसता का वातावरण बनाने, पर्यावरण संरक्षण, अमृतकाल के तहत देशभर में क्या कार्य किए जाएं ये सभी विषय शाखा के माध्यम से स्वयंसेवकों द्वारा समाज में चलाए जाते हैं। संघ नेता ने आगे बताया कि महर्षि दयानंद के जन्म को 2024 में 200 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं तथा भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण वर्ष के बारे में भी बैठक में विशेष वक्तव्य जारी किये जाएंगे।
प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन 14 मार्च को संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले मीडिया से बातचीत कर बैठक में आए प्रस्ताव के बारे में जानकारी देंगे।
(आईएएनएस)
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