शराबी ग्राहकों के लिए कैब की व्यवस्था करने को कहा तो बार मालिकों को होगा नुकसान
गोवा शराबी ग्राहकों के लिए कैब की व्यवस्था करने को कहा तो बार मालिकों को होगा नुकसान
- नशे में धुत
डिजिटल डेस्क, पणजी। ऑल गोवा बार एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन (एजीबीआरओए) द्वारा शराब के नशे में ग्राहकों के लिए कैब की व्यवस्था करने की बात कहने के एक दिन बाद, भाजपा के कृषि मंत्री रवि नाइक ने शुक्रवार को कहा कि अगर नियम लागू होता है तो बार मालिकों को नुकसान होगा।
पूर्व गृह मंत्री नाइक से जब उनसे पूछा गया कि क्या इस नियम को लागू करना आसान होगा या नहीं, तो उन्होंने कहा, गोवावासी शराब पीते हैं, लेकिन वे गिरते नहीं हैं, न ही झुकते हैं। इसलिए कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि बार मालिकों को नशे में धुत लोगों के लिए कैब की व्यवस्था करना अनिवार्य कर दिया जाता है, तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
नाइक ने सवाल पूछते हुए कहा- टैक्सी की व्यवस्था?, बार मालिकों का नुकसान। कई पर्यटक हैं जो कर्नाटक, महाराष्ट्र और अन्य स्थानों से गोवा आते हैं। वह पीते हैं और नशे में हो जाते हैं। वह 5 रुपये या 10 रुपये या 100 रुपये की (शराब) पीते हैं। क्या वह 1,000 रुपये का भुगतान करके टैक्सी किराए पर लेंगे?
ऑल गोवा बार एंड रेस्तरां ओनर्स एसोसिएशन (एजीबीआरओए) ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है कि पर्यटकों के मामले में शराब के नशे में ग्राहकों को घर या होटल छोड़ने के लिए कैब की व्यवस्था की जाए। परिवहन मंत्री मौविन गोडिन्हो ने सोमवार को कहा था कि शराब के नशे में ग्राहकों के लिए कैब की व्यवस्था करना तटीय राज्य में एक नया मानदंड होगा।
एजीबीआरओए के अध्यक्ष माइकल कैरास्को ने बुधवार को कहा था कि उनका संघ इसे स्वीकार नहीं करता है। कैरास्को ने कहा, मंत्री कहते हैं कि दुर्घटनाएं इसलिए होती हैं क्योंकि लोग शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। लेकिन केवल शराब ही दुर्घटनाओं का कारण नहीं है। इसके और भी कई कारण हैं। उनका कहना है कि सड़कों की हालत ठीक नहीं है, गड्ढे हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। कुछ सड़कों के खराब डिजाइन के कारण दुर्घटनाएं होती हैं। उन्होंने कहा, स्पीड ब्रेकर ठीक से पेंट नहीं किए गए हैं, सड़कों पर कोई संकेतक नहीं हैं।
कैरास्को के अनुसार, अगर वे उस स्थिति में अपने ग्राहकों को समझाने की कोशिश करते हैं, तो वह उनसे यह कहकर भी लड़ सकते हैं कि जब उनके पास अपना वाहन है, तो उन्हें कैब का विकल्प क्यों चुनना चाहिए। पिछले साल भी गोडिन्हो ने इस पहल की घोषणा की थी, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। हाल ही में पुलिस ने रात में चेकिंग तेज कर दी और शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर जुमार्ना लगाया गया।
आईएएनएस
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