स्वामी विवेकानंद: युवा शक्ति को जागरूक कर रही मोदी सरकार, स्वामी विवेकानंद का स्वप्न जल्द होगा पूरा: विकल्प सिंह

  • स्वामी विवेकानंद को हमेशा से ही युवा शक्ति का प्रमुख प्रतिनिधि माना गया है।
  • नरेंद्र मोदी अपने छात्र जीवन के दौरान ही रामकृष्ण मिशन (राजकोट) से जुड़ गए थे
  • भारत के वसुधैव कुटुंबकम् के उद्देश्य को पूरी दुनिया ने बड़े हृदय के साथ स्वीकार किया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-15 08:31 GMT

स्वामी विवेकानंद को हमेशा से ही युवा शक्ति का प्रमुख प्रतिनिधि माना गया है। राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति का महत्व स्वामी विवेकानंद की वजह से ही सभी को समझ आया था। यही कारण है कि स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है।

इस साल भी युवा दिवस पूरे देश में धूम धाम से मनाया गया। सतना के प्रमुख समाजसेवी और युवा कार्यकर्ता विकल्प सिंह ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि क्यों स्वामी विवेकानंद आज के युवाओं के लिए प्रबल आदर्श है। सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह स्वामी विवेकानंद ने कभी अपनी संस्कृति और मूल्यों से खिलवाड़ नहीं किया ठीक उसी प्रकार आज के युवाओं को भी अपनी मिट्टी से जुड़ा रहना चाहिए।

सिंह ने कहा - "शिकागो का वो ऐतिहासिक भाषण शायद ही कोई भूल सकता है। हिंदी में दिए गए उस भाषण ने पूरी दुनिया में भारतीयों के प्रति नज़रिया बदल दिया था। यही है भारतीयता की ताकत और यही हमारा सामर्थ्य है और पहचान है।" विकल्प ने आगे बताया कि किस तरह स्वामी विवेकानंद के विचारों ने क्रांतिकारियों के मन में आज़ादी व विद्रोह के बीज बोए। स्वामी विवेकानंद के विचार अपने समय से बहुत आगे थे, वे वास्तव में एक दूरदर्शी थे।

जातिवाद को खत्म करना, महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य करना, समाज के अंतिम व्यक्ति का सम्मान, यह सभी आज भी वह मुख्य विचार धाराएं है जिनपर आज भी विकास कार्यों को किया जाता है। विकल्प ने आगे कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्वामी विवेकानंद के मार्ग पर चल रहे है।

विकल्प ने कहा - कि युवाओं और विद्वानों दोनो के ही बीच प्रधानमंत्री की लोकप्रियता इस बात का सबूत है कि वे एक दम सही मार्ग पर है। जहां देश में आज़ादी के बाद से ही तुष्टिकरण की राजनीति ने अपने पैर पसार लिए थे वहां नरेंद्र मोदी एक नई लहर लेकर आए। स्वामी विवेकानंद के विचारों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर गहरी छाप छोड़ी है।  नरेंद्र मोदी अपने छात्र जीवन के दौरान ही रामकृष्ण मिशन (राजकोट) से जुड़ गए थे।  उन्होंने राजकोट शाखा के तत्कालीन प्रमुख स्वामी आत्मस्थानंद से भी संन्यास दीक्षा की इच्छा व्यक्त की थी।  स्वामी आत्मस्थानंद ने उन्हें समाज के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया।

यह विकास प्रतिमान के केंद्रबिंदु के रूप में गरीबों के कल्याण और आत्म-सम्मान के साथ एक समृद्ध भारत बनाने के लिए पीएम के लिए प्रेरणा बन गया।  रामकृष्ण मिशन के साथ उनका जुड़ाव आज भी मजबूत है।प्रधानमंत्री युवाओं को देश की सबसे बड़ी पूंजी मानते है व युवाशक्ति के राष्ट्र निर्माण में अहमियत को पहचानते है।

शिक्षा स्वामी विवेकानंद के लिए हमेशा बदलाव का सबसे बड़ा बाण रहा है। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि असली शिक्षा वही है जो व्यक्तित्व का निर्माण करें, दिमाग को मज़बूत करें और एक व्यक्ति अपने ज्ञान के बल पर स्वावलंबी बन सके। नरेंद्र मोदी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति भी इन्ही आदर्शो का पालन करती है व किताबी ज्ञान से एक कदम आगे जाकर व्यक्तित्व निर्माण एवम जीवन में आने वाली कठिनाइयों के लिए तैयार करने का कार्य करती है।

शिक्षा ही नही परंतु खेल कूद के लिए भी स्वामी विवेकानंद अक्सर लोगो को बढ़ावा देते नज़र आते थे। और शायद इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने खेलो इंडिया की शुरुवात की जहां पर युवा अपने मनपसंदीदा खेलो में अपने कौशल का प्रदर्शन करते है। परंतु यह केवल प्रतिस्पर्धा नही बल्कि भारत को यह एहसास दिलाने के लिए है कि एक स्वस्थ दिमाग केवल एक स्वस्थ शरीर में ही वास करते है।

सिर्फ थी नहीं परंतु प्रधानमंत्री की हर योजना में स्वामी जी के विचारों की झलक दिखाई देती है। फिर चाहे वो स्वच्छ भारत हो, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मेक इन इंडिया, या विश्वकर्मा योजना, पीएम मोदी ने अपनी योजनाओं के तहत युवाओं को जोड़ने का कार्य किया है। नई हाल ही में हुई संपन्न जी २० समिट ने भी दिखा दिया कि कैसे भारत के वसुधैव कुटुंबकम् के उद्देश्य को पूरी दुनिया ने बड़े हृदय के साथ स्वीकार किया।

यह वर्तमान सरकार के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि भारतीय संस्कृति के विचार, स्वामी विवेकानंद के विचार अब विश्व भर में चर्चित है व लोग भारतीय संस्कृति को आत्मीयता के साथ अपना रहे है। "उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत", स्वामी विवेकानंद का यह आवाह्न प्रधानमंत्री मोदी को भारत को अमृत काल में ले जाने के लिए प्रेरणा प्रदान करता है।

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