नारी शक्ति वंदन बिल: लागू हुआ महिला आरक्षण बिल तो किस प्रदेश में महिलाओं को मिलेगी कितनी सीटें, यहां जाने पूरा गणित

  • लागू हुआ बिल तो किस प्रदेश में महिलाओं को मिलेगी कितनी सीटें
  • लोकसभा में महिलाओं के लिए 181आरक्षित सीटें होंगी
  • बिहार में महिलाओं के लिए 81आरक्षित सीटें होंगी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-19 13:01 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में केंद्र सरकार ने पहला बिल महिला आरक्षण को लेकर पेश किया है। इस बिल के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दिया जाएगा। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे 128वें संविधान संशोधन विधेयक, 2023 के रूप में मंगलवार को सदन में पटल पर रखा। बुधवार को इस बिल पर सदन में चर्चा होगी। बता दें कि, नए सदन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है।

वर्तमान में लोकसभा में 82 महिला सदस्य हैं। इस बिल के पारित होने के बाद लोकसभा में 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। साथ ही, इस बिल के अनुच्छेद- 239AA के तहत दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षित हो जाएगी। यानी, 70 विधानसभा सीटों वाले दिल्ली में 23 सीटें महिलाओं के लिए रहेंगी। इसके आलवा अन्य राज्यों में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा।

महिला आरक्षण बिल लागू होने के बाद

गौरतलब है कि, महिला आरक्षण बिल 15 साल के लिए मान्य होगा। 15 साल के बाद भी लोकसभा और विधानसभाओं में अगर महिलाओं को आरक्षण चाहिए होगा तो फिर से सरकार बिल लाना होगा। बता दें कि, "लोकसभा और विधानसभाओं" में एससी-एसटी महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं मिलेगा। यह आरक्षण व्यवस्था आरक्षण के भीतर ही की गई है। यानी लोकसभा और विधानसभाओं के लिए जितनी सीटें एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं, उन्हीं सीटों में 33 फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

लोकसभा में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। एससी-एसटी की आरक्षित सीटों को हदा दें तो 412 सीटें ऐसी हैं, जिस पर सामान्य और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार साथ-साथ चुनाव लड़ते हैं। ऐसे में महिला आरक्षण बिल लागू होने के बाद 137 सीटें सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होंगी। खास बात यह है कि जो सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं भी है, उस सीट पर महिलाएं चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। इस बिल को इसलिए भी लाया गया है ताकि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ सके।

राज्यसभा में नहीं मिलेगा आरक्षण

राज्यसभा और विधान परिषद वाले राज्यों में यानी इन दोनों सदनों में महिला आरक्षण बिल लागू नहीं होगा। यह बिल केवल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में ही लागू होगा।

इस बिल के कानून बनने के बाद भी इसे लागू करने में काफी लंबा वक्त लगेगा। 2026 के बाद देश में सीटों का परिसीमन होने के बाद महिला आरक्षण बिल लागू किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि 2024 के चुनाव में इस बिल का कोई भी असर नहीं होगा। सरकार ने बताया है कि परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद महिला आरक्षण कानून को लागू किया जाएगा।

इन राज्य में महिलाओं के लिए इतनी आरक्षित सीटें होंगी


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