मध्य प्रदेश पर भारी कर्ज, फिर भी सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला मुफ्त उपहारों से कर रहे शिवराज

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-10 10:06 GMT
As Shivraj counters anti-incumbency with freebies, MP's debt balloons out of control.
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भाजपा सरकार सत्ता विरोधी लहर से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। राज्य सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए कई लोकलुभावन योजनाओं और मुफ्त उपहारों की घोषणा कर रही है, जबकि राज्य लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है।

विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले पांच-छह सालों में राज्य में औसत प्रति व्यक्ति कर्ज तेजी से बढ़ा है। कर्ज के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो राज्य के हर नागरिक पर 41 हजार रुपये का कर्ज है। मार्च 2016 के अंत तक यह 13,853 रुपये होने का अनुमान लगाया गया था, जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह 10,896 रुपये दर्ज किया गया था। विशेषज्ञों का दावा है कि मध्य प्रदेश सरकार गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है।

मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति को इस बात से समझा जा सकता है कि पिछले वर्ष 2022-2023 में राज्य ने 2.79 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया था, जबकि सरकार पर 3.31 लाख करोड़ रुपये का बढ़ता कर्ज था। यहां तक कि वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए शिवराज सरकार द्वारा इस साल मार्च में पेश किया गया 3.14 लाख करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर वार्षिक बजट भी राज्य पर कुल 3.29 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को पार नहीं कर सका।

मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर दो दशकों से अधिक समय से रिपोर्टिग कर रहे वरिष्ठ पत्रकार शशिकांत त्रिवेदी कहते हैं कि 2005-2006 से आर्थिक ढांचा बिगड़ना शुरू हो गया था, लेकिन 2008 के बाद आए भारी बदलावों ने स्थिति को और खराब कर दिया है। उनके अनुसार, टैक्स चोरी मुख्य कारणों में से एक है।

लोग केवल सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को समझते हैं, जिसे सरकार उजागर करती है लेकिन यह राज्य की आर्थिक स्थिति के तथ्यात्मक आंकड़ों के बारे में विस्तार से नहीं बताती है। राज्य की अर्थव्यवस्था की गहराई को एक हद तक पारदर्शी होना चाहिए जिसे एक आम आदमी समझ सके। उदाहरण के लिए सकल घरेलू उत्पाद बहुत अधिक हो गया है, लेकिन क्या यह दैनिक जीवन में रिफ्लेक्ट होता है? कांग्रेस ने राज्य की बेहद खराब आर्थिक स्थिति के लिए शिवराज के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

कमलनाथ की 15 महीने की सरकार में वित्त मंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण भनोट ने कहा, भाजपा सरकार का दावा है कि उसने लोगों के विकास के लिए बैंकों से कर्ज लिया, जबकि स्थिति बिल्कुल अलग है। कांग्रेस की सरकार 26000 करोड़ रुपये पर थी, अब यह 4 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है, और राज्य में लोगों की वित्तीय स्थिति लगातार गिरती जा रही है।

पूर्व मंत्री ने दावा किया कि स्थिति इस हद तक खराब हो गई है कि पिछले दो वर्षों से छात्रों को उनकी छात्रवृत्ति का बकाया नहीं दिया गया है। भनोट ने कहा, 15 महीने की सरकार के दौरान, कमलनाथ ने कई सुधार किए और नागरिकों पर कोई अतिरिक्त बोझ डाले बिना कई राजस्व संसाधन बनाए गए। शिवराज सरकार ने राज्य को 10-15 साल पीछे धकेल दिया है।


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