मंत्रिपरिषद की बैठक: मोदी 3.0 में नहीं चलेगी अफसरों की मनमानी, भ्रष्टाचार और आलस करने पर होंगे रिटायर्ड, PM मोदी ने दिया निर्देश

  • दिल्ली में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक
  • भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ रिटायरमेंट की तैयारी
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी किए निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-12 13:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में पीएम मोदी ने एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों को लेकर सख्ती बरती है। दरअसल, मोदी 3.0 में कर्मचारियों से लेकर अफसरों के रिश्वतखोर और आलसी पाए जाने की स्थिति में उन्हें रिटायर कर दिया जाएगा। इस संबंध में पीएम मोदी ने मंत्रियों और सचिवों को निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि विभिन्न मंत्रालय के कार्यों में कर्मचारी पारदर्शिता को आश्वस्त करते हुए मिशन मोड में कार्य करें। बैठक में पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को बढ़ाने पर बल दिया है।

पीएम मोदी ने जारी किए निर्देश

बैठक में पीएम मोदी ने केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) नियमों का जिक्र किया। इस संबंध में उन्होंने सचिवों से कर्मचारियों का मूल्यांकन करने और उनके खिलाफ शिकायत करने वालों पर तुरंत एक्शन करने के निर्देश जारी किए हैं। पीएम मोदी ने विशेष बल देते हुए कहा कि ईमानदारी से काम करने वाली सरकार को जनता इनाम देती है। इसके अलावा पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा में भाजपा की प्रदर्शन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने शिकायतों के तुरंत समाधान और गुड गवर्नेंस पर बल दिया।

सूत्रों की मानें तो, बैठक में पीएम मोदी ने अपने निर्देश में अधिकारियों और मंत्रियों से कहा कि ये उनकी जिम्मेदारी है कि फाइलें एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर धकेली नहीं जानी चाहिए। इसकी जगह उन्हें तुरंत समाधान की तलाश करनी चाहिए। पीएम मोदी ने एक हफ्ते के अंदर अधिकारियों और राज्य मंत्रियों की प्रगति की निगरानी के लिए समर्पित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों का उद्देश्य आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के हित में होना चाहिए।

भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तेज 

पीएम मोदी ने निर्देश देते हुए कहा कि जिन भी कर्मचारी और अधिकारियों की पहचान भ्रष्टाचार और आलसी में होगी। उन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें मौजूदा पद से हटा दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि बीते 10 सालों में पीएमओ को लोगों की शिकायते मिलाकर 4.5 करोड़ पत्र मिले हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में सिर्फ 5 लाख पत्र ही आए थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि शिकायतों के समाधान को लेकर लोग आशावान हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 40 फीसदी मामले केंद्र सरकार के विभागों और एजेंसियों से और 60 प्रतिशत मामले राज्य सरकार से जुड़े थे।

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