ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना, जवाबदेही तय करने की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-04 17:30 GMT
New Delhi: Congress President Mallikarjun Kharge addresses a press conference following an accident involving three trains in Odisha's Balasore district, in New Delhi, on Saturday, June 03, 2023. (Photo: IANS/Twitter)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को ओडिशा के बालासोर में हुए तिहरे रेल हादसे को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और उस पर रेल सुरक्षा पर ध्यान देने के बजाय केवल ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने का आरोप लगाया। पार्टी ने हादसे के लिए ऊपर से नीचे तक जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने कुछ महत्वपूर्ण पदों को भरने में विफलता सहित रेलवे की ओर से चूक की कई रिपोटरें को भी उजागर किया। 
ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर हमले का नेतृत्व किया और कहा, स्वतंत्र भारत की शायद सबसे दर्दनाक ट्रेन दुर्घटना पर मोदी सरकार से सवाल - विज्ञापन पीआर नौटंकी ने मोदी सरकार की कार्य प्रणाली को खोखला बना दिया है।

सरकार पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कई रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा, रेलवे में तीन लाख पद खाली हैं, बड़े अधिकारियों के भी पद खाली हैं, जिन्हें पीएमओ भरता है, उन्हें नौ साल में क्यों नहीं भरा गया? उन्होंने कहा, रेलवे बोर्ड ने हाल ही में स्वीकार किया है कि लोको पायलटों के लंबे समय तक काम करने के कारण मैनपावर की भारी कमी दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण है। फिर पदों को क्यों नहीं भरा गया? दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक 8 फरवरी, 2023 को मैसूर में एक त्रासदी का हवाला देते हुए सिग्नलिंग सिस्टम को दुरुस्त करने का आग्रह किया और चेतावनी दी, जिसमें दो ट्रेनें टक्कर से बच गईं। रेल मंत्रालय ने इसे लागू क्यों नहीं किया?

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 323वीं रिपोर्ट में रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) की सिफारिशों के प्रति रेलवे बोर्ड द्वारा दिखाई गई उपेक्षा के लिए रेलवे की आलोचना की। कहा गया कि सीआरएस 8-10 फीसदी दुर्घटनाओं की ही जांच करती है, उन्होंने पूछा, इसे मजबूत क्यों नहीं किया गया? नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, खड़गे ने कहा कि 2017-18 और 2020-21 के बीच नवीनतम सीएजी ऑडिट रिपोर्ट में, 10 में से लगभग सात ट्रेन दुर्घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुईं।

खड़गे ने पूछा, 2017-21 में, ईस्ट कोस्ट रेलवे में सुरक्षा के लिए रेल और वेल्ड (ट्रैक रखरखाव) का शून्य परीक्षण हुआ था। इसे क्यों दरकिनार किया गया? उन्होंने यह भी कहा कि सीएजी के मुताबिक राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष (आरआरएसके) में 79 फीसदी फंडिंग का काम क्यों किया गया, जबकि 20 हजार करोड़ रुपये हर साल उपलब्ध कराया जाना था। ट्रैक नवीनीकरण कार्यों की मात्रा में भारी गिरावट क्यों आई है? कांग्रेस नेता ने कहा, 2011 में भारत के अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली का नाम बदलकर मोदी सरकार ने कवच कर दिया था और मार्च 2022 में खुद रेल मंत्री द्वारा इसका प्रदर्शन किया गया था।

फिर भी अब तक केवल 4 प्रतिशत रूटों पर ही कवच क्यों? आप रोज सफेदी वाली ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने में लगे रहते ह,ैं लेकिन रेल सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते। खड़गे ने कहा, ऊपर से नीचे तक जवाबदेही तय करनी होगी, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सके। तभी इस दुर्घटना के पीड़ितों को न्याय मिलेगा। उनकी यह टिप्पणी कोरोमंडल एक्सप्रेस, एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और ओडिशा के बहनागा रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार की शाम एक खड़ी मालगाड़ी के बीच हुए भीषण ट्रेन हादसे के दो दिन बाद आई है। दोनों ट्रेनों के कम से कम 21 डिब्बे पटरी से उतर गए, इससे 275 लोगों की मौत हो गई और 1,000 लोग घायल हो गए।

(आईएएनएस)

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