उत्तर प्रदेश सियासत: UP में BJP के लिए विधानसभा उपचुनाव में भी मिलेगी चुनौती! लोकसभा चुनाव की रणनीति पर काम कर रहा विपक्ष

  • स्थानीय मुद्दों पर विपक्ष का फोकस
  • BJP के लिए विधानसभा उपचुनाव में भी चुनौती
  • लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने किया शानदार प्रदर्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-24 05:09 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। जिनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर सीट शामिल है। इसी महीने में 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे। जिसमें बीजेपी को काफी नुकसान उठाना पड़ा। 

राज्य में इस बार बीजेपी ने 75 सीटों पर चुनाव लड़ी थीं। जिसमें पार्टी को केवल 33 सीटें मिली। वहीं, एनडीए के सहयोगी दल ने राज्य में केवल पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था। जिसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को घोषी सीट गंवानी पड़ी। वहीं, अपना दल को मीरजापुर सीट पर जीत मिली और रॉबर्ट्सगंज सीट हार गई। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल ने दोनों सीटें जीती हैं। बीजेपी के सहयोगी और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद संतकबीरनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चुनाव हार गए। 

CM योगी के लिए क्या है चुनौती?

अब यूपी में 10 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं। बीजेपी और सीएम योगी के लिए यह उपचुनाव काफी बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि, विपक्ष इन सभी सीटों पर लोकसभा की रणनीति पर भी काम कर रही है। लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ा था। अब इसी रणनीति को विपक्ष विधानसभा चुनाव में भी प्रयोग करने वाला है। जिससे योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। 

विपक्ष के हौसले बुलंद

आम चुनाव के नतीजे के बाद समाजवादी पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस को सपा के साथ के गठबंधन करने काफी फायदा हुआ है। राज्य इंडिया अलायंस ने कुल 43 सीटें जीती हैं। जिसमें सपा ने 37 और कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत हासिल की हैं। ऐसे में विपक्ष के हौसले बुलंद है। बहुत दिनों बाद विपक्ष को यूपी में बड़ी सफलता मिली है। जिससे वह आसानी से जाने नहीं देगी। सपा और कांग्रेस की कोशिश है कि वह अपने जीत के सिलसिले को आगामी विधानसभा उपचुनाव में भी बरकरार रखे। 

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