बड़ा फैसला लेने की तैयारी में शरद पवार, अजित पवार के समर्थित मंत्रियों के साथ बैठक के बाद ऐलान!
बडा फैसला करने की तैयारी में शरद पवार!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में अभी भी हलचल होना बाकी है। इस बात के संकेत बीते रविवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच हुई मुलाकात से मिले। आज फिर अजित पवार ने शिंदे-फडणवीस सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले 8 मंत्रियों के साथ शरद पवार से मुलाकात की। 2 जुलाई को शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने एनसीपी से बगावत करते हुए पार्टी के कई नेताओं के साथ राज्य की एनडीए गठबंधन सरकार को अपना समर्थन दे दिया था। इसके बाद एनसीपी के दोनों धड़ों के बीच खूब बयानबाजी का दौर चला। आखिरकार कल यानी रविवार के बाद आज सोमवार को भी अजित पवार ने शरद पवार से मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक, रविवार को अजित पवार ने अपने समर्थक विधायकों के साथ शरद पवार को मनाने की कोशिश की। साथ ही उन्होंने शरद पवार से कहा कि उन्हें शिंदे-फडणवीस सरकार को अपना समर्थन दे देना चाहिए। एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमने शरद पवार जी से अपील की है कि वे पार्टी को एकजुट बनाए रखें।
शिवसेना ने दिया संकेत
अब इस मुलाकात पर उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना की ओर से बयान सामने आया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि जिन लोगों विश्वासघात किया है और धोखा दिया है। उनके लिए पार्टी के दरवाजे नहीं खुलने चाहिए। उन्होंने एनसीपी पर तंज कसते हुए कहा, 'हर पार्टी शिवसेना की तरह नहीं होती है। अगर हम शरद पवार की जगह पर होते तो फिर हम अजित पवार और पार्टी के साथ बगावत किए हुए नेताओं के लिए दरवाजे नहीं खोलते।' राउत ने आगे कहा कि हमें जिन लोगों ने धोखा दिया है उसे हम अयोग्य घोषित कराएंगे। अजित पवार डरे हुए हैं। उन्हें भी अयोग्य होने का डर सता रहा है। इसलिए अजित पवार शरद पवार के दरवाजे पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। राउत ने कहा कि अगर हम शरद पवार की जगह पर होते तो अजित पवार के लिए पार्टी के सारे दरवाजे बंद होते। लेकिन पवार साहब का कैरेक्टर थोड़ा सा अलग है। उनकी पार्टी का भी कैरेक्टर भी थोड़ा अलग है। सभी लोगों में कुछ अंतर होता है और वे अपने स्वभाव से फैसला करते हैं।
शरद पवार के सामने मुश्किलें
महाराष्ट्र की राजनीति में अगले दो-तीन दिन और खास रहने के वाले है, क्योंकि एनसीपी नेता शरद पवार इस मीटिंग के बाद क्या फैसला लेते हैं, इस पर सभी की नजर बनी हुई है। अटकलों का बाजार भी गर्म है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि एनसीपी को बचाने और पार्टी चुनाव चिन्ह को लेकर पार्टी धड़ा में सुलह बनाने के लिए शरद पवार कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं।