महाराष्ट्र सियासी उठापटक के बीच बिहार में हलचल तेज, नीतीश के प्रति शाह का बदला रुख, बीजेपी का क्या है मास्टर प्लान?

  • क्या फिर से पलटी मारेंगे नीतीश कुमार
  • नीतीश कुमार पर नरम पड़े अमित शाह

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-04 11:39 GMT

डिजिटल डेस्क, पटना। देश में एक बार फिर नीतीश कुमार को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया था। जहां एनसीपी भी शिवसेना की तरह दो गुटों में बंट गई है। अब दो गुट में पार्टी बंटने का डर बिहार जदयू में भी दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिनों से पार्टी के विधायकों और सांसदों के साथ बैठक पर बैठक कर रहे हैं। साथ ही कुमार कुछ विधायकों और सांसदों के साथ वन टू वन मीटिंग कर रहे हैं।

सीएम नीतीश कुमार से राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने मुलाकात की है। पिछले दिनों नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर देश की सभी पार्टियों ने इस समारोह का बहिष्कार किया था। जिसमें नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी शामिल थी। विरोध के बावजूद हरिवंश नारायण ने इस समारोह में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। हरिवंश नारायण ने जदयू कोटे से राज्यसभा के सदस्य होने के बावजूद मोदी सरकार का समर्थन किया था। जिस पर जदयू ने खुलकर विरोध किया था।

फिर पलटी मारेंगे नीतीश कुमार

महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सकते में आए हुए हैं। जिसका तसदीक बिहार की राजनीति में उनकी सक्रियता दिखाई दे रही है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र जैसे हालात बिहार में भी देखने को मिल सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, नीतीश कुमार के रवैये में एक बार फिर नरमी देखी जा रही है कहीं अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन एनडीए में वापसी का मन तो नहीं बना रहे हैं।

इस बात की हवा इसलिए लग रही है क्योंकि अगस्त में जब नीतीश कुमार ने बीजेपी का दामन छोड़ा था तब बीजेपी के कद्दावर नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर गए हुए थे। एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा था कि, नीतीश कुमार को बड़ा दिल दिखा कर उन्हें सीएम बनाया गया लेकिन उन्होंने बीजेपी को ही छलने में देर नहीं की। शाह ने कहा था कि, नीतीश को अब याद रखना होगा कि बीजेपी उनसे कभी गठबंधन नहीं करेगी। कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए।

नीतीश पर नरम पड़े शाह

हालांकि, अमित शाह बीते महीने के 29 तारीख को एक बार फिर बिहार दौरे पर पहुंचे थे। जहां पर एक बार फिर नीतीश कुमार को लेकर एक बयान दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि, नीतीश कुमार उन लोगों से गठबंधन कर रहे हैं जिनके ऊपर 20 लाख करोड़ से भी ज्यादा के घोटाले के आरोप हैं। केवल सत्ता के लिए यह सब कर रहे हैं, उन्हें सोचना चाहिए। शाह के बयान पिछली बार से काफी नरम रहा था। जिसके बाद से ही कयासों का बाजार गर्म हो चला है कि कहीं एक बार फिर विपक्षी एकता की आड़ में नीतीश कुमार पलटी तो नहीं मारेंगे।

जदयू में सेंध लगा पाएगी बीजेपी?

भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर बीजेपी पहले भी नीतीश को अपने पाले में ला चुकी है। साल 2017 में आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर भगवा पार्टी नीतीश को अपने साथ ला चुकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि, साल 2017 वाला फॉर्मूला लगाकर बीजेपी एक बार फिर नीतीश को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक नीतीश कुमार को अपने साथ जोड़ने में बीजेपी की दिलचस्पी इसलिए है क्योंकि बीते दिन उनके ही नेतृत्व में राजधानी में विपक्षी एकजुटता देखी गई थी। बीजेपी को डर है कि कहीं नीतीश की एकजुटता भारी नुकसान न कर दें। इसी को देखते हुए बीजेपी जदयू में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।

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