राजनीति: यमुना में खतरे के निशान के पास पहुंचा जलस्तर, एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं सौरभ भारद्वाज

यमुना में बढ़ते जलस्तर के चलते दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। इस दौरान क्षेत्रीय डीएम और एसडीएम भी मौके पर मौजूद रहे।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-13 12:10 GMT

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। यमुना में बढ़ते जलस्तर के चलते दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। इस दौरान क्षेत्रीय डीएम और एसडीएम भी मौके पर मौजूद रहे।

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि अभी यमुना में जलस्तर 204.35 पर है, जो वार्निंग लेवल के लगभग आसपास है। अभी किसी प्रकार के खतरे की कोई आशंका नहीं है। हथिनीकुंड बैराज की ओर से लगभग 13,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से दिल्ली में यमुना में जलस्तर बढ़ने की आशंका है।

उन्होंने बताया कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा सभी पर्याप्त इंतजाम कर लिए गए हैं I पानी की बोट, मुनादी का सामान तथा अन्य बाकी सभी जरूरी इंतजाम दुरुस्त कर लिए गए हैं। यमुना के किनारे रहने वाले लोगों को नदी से दूर रहने एवं एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जलस्तर बढ़ने पर यमुना के आसपास रहने वाले लोगों के बच्चे पानी में नहाने आ जाते हैं, जिसके कारण अक्सर हादसे हो जाते हैं। इस प्रकार के हादसों से बचने के लिए लोगों को निर्देश जारी किए गए हैं।

मंत्री ने बताया कि अभी यमुना स्थित ओल्ड रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 204.35 मापा गया है, जो वार्निंग लेवल के लगभग नजदीक है। हथिनीकुंड बैराज की ओर से लगभग 13,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, तो ऐसी उम्मीद है कि जल्द ही यह स्तर वार्निंग लेवल तक पहुंच सकता है। विभाग द्वारा मानसून से पहले ही यमुना के बीच-बीच में बने टापू में पायलट कट लगाए गए थे, जो इस बार मानसून आने पर बेहद ही कारगर सिद्ध हुए हैं।

उन्होंने बताया कि इन टापू के बीच में बनाए गए पायलट कट के माध्यम से पानी आसानी से बाहर निकल रहा है। वर्तमान में जो स्थिति है, उसे देखकर हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि यदि यमुना में जलस्तर बढ़ा भी तो आसपास के क्षेत्र में इस बार पानी भरने की समस्या नहीं होगी।

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