शिक्षा: केरल में 'स्पेशल बच्चों' की सहायता के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यक्रमों को बढ़ावा देगा यूनिसेफ
केरल में सार्वजनिक स्कूलों में केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (केआईटीई) द्वारा कार्यान्वित 'लिटिल काइट्स 'परियोजना को यूनिसेफ बढ़ावा दे रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य 'स्पेशल बच्चों' की सहायता के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने वाले कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है।
तिरुवनंतपुरम, 22 नवंबर (आईएएनएस)। केरल में सार्वजनिक स्कूलों में केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (केआईटीई) द्वारा कार्यान्वित 'लिटिल काइट्स 'परियोजना को यूनिसेफ बढ़ावा दे रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य 'स्पेशल बच्चों' की सहायता के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने वाले कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है।
इस पहल में सबसे पहले राज्य भर में दो दिनों में 260 शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग करने वाले एनीमेशन कार्यक्रम विकसित किए जाएंगे। यह शिविर शनिवार से शुरू होंगे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एआई-संचालित कार्यक्रमों पर काम करना है, जो बोलने और सुनने में कठिनाई वाले बच्चों को सांकेतिक भाषा का उपयोग करके संवाद करने में सक्षम बना सके। ये मॉड्यूल न केवल सांकेतिक भाषा सीखने में मदद करेंगे, बल्कि ऐसे बच्चों के साथ बातचीत को भी प्रोत्साहित करेंगे।
केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (केआईटीई) के सीईओ के. अनवर सदाथ ने कहा कि स्कूल-स्तरीय शिविरों से चुने गए 15,668 छात्र इस वर्ष 2219 लिटिल काइट्स इकाइयों के 2.08 लाख सदस्यों के बीच उप-जिला शिविरों में भाग लेंगे।
सदाथ ने कहा, "इस उद्देश्य के लिए 1200 प्रशिक्षकों का चुनाव किया गया है। शिविरों को विभिन्न बैचों में निर्धारित किया गया है, जिससे बच्चों का स्कूल प्रभावित नहीं होगा।''
केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन राज्य में शैक्षणिक संस्थानों के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने और लागू करने के लिए स्थापित राज्य सरकार का एक उद्यम है।
यह सरकार की सहायता से चलाया जाता है। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के लिए केआईटीई के अंतर्गत एक बुनियादी ढांचा प्रभाग भी स्थापित किया गया है। जिसने केरल में शिक्षा प्रणाली में क्रांति ला दी है।
केआईटीई के दायरे में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण, सामग्री विकास, कनेक्टिविटी, ई-लर्निंग, उपग्रह आधारित शिक्षा, सहायता एवं रखरखाव तंत्र, ई-गवर्नेंस और संबंधित गतिविधियां शामिल हैं।
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