राजनीति: वक्फ बोर्ड बिल पर पवन खेड़ा ने कहा, सरकार को सभी पक्षों से बात करनी होगी, तभी निकलेगा निष्कर्ष
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को आईएएनएस से देश के मौजूदा हालात और मौजूदा सरकार की नीतियों पर बात की। उन्होंने जेपीसी बैठक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र, बांग्लादेश में बाढ़, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा, लेटरल एंट्री वापस लेने और दिल्ली सरकार बनाम एलजी विवाद पर खुलकर बात की।
नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को आईएएनएस से देश के मौजूदा हालात और मौजूदा सरकार की नीतियों पर बात की। उन्होंने जेपीसी बैठक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र, बांग्लादेश में बाढ़, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा, लेटरल एंट्री वापस लेने और दिल्ली सरकार बनाम एलजी विवाद पर खुलकर बात की।
वक्फ बोर्ड को लेकर जेपीसी की बैठक पर उन्होंने कहा कि सभी से चर्चा और संवाद के बाद ही निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए। अगर कोई सरकार कानून से छेड़छाड़ करती है या नया कानून लाने की कोशिश करती है तो सभी पक्षों से बातचीत करने के बाद कानून और मजबूत हो पाएगा और उससे जो निष्कर्ष निकलेगा, वह सही होगा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र को लेकर उन्होंने कहा कि हम एनडीए के घटक दल नायडू जी के घोषणापत्र पर भाजपा की टिप्पणी जानना चाहते हैं।
बांग्लादेश में आई बाढ़ के बारे में उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी अपने देश में आई बाढ़ के लिए भारत को क्यों जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, सरकार को बांग्लादेश से यह पूछना चाहिए और सवाल उठाने चाहिए। हमारी विदेश नीति में बांग्लादेश के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे रहे हैं, तो ऐसी नौबत क्यों आ रही है, हमें ये सवाल उठाने चाहिए और जवाब मांगने चाहिए।
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर पवन खेड़ा ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा सही तरीके से आयोजित की जाएगी और कहीं भी नकल या पेपर लीक की घटना नहीं होनी चाहिए। इससे करोड़ों बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ है।
लेटरल एंट्री की वापसी पर उन्होंने कहा कि मोदी जी को अब सीखना होगा कि सबसे बात करके, सलाह लेकर सरकार कैसे चलती है। कोई भी सरकार हो, वो दादागिरी से नहीं, तानाशाही से नहीं, बातचीत से चलती है।
राजनाथ सिंह के वाशिंगटन दौरे पर उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह को वाशिंगटन जाकर यह सलाह देने की क्या जरूरत थी कि धोखा और धोखाधड़ी हमारे चरित्र में नहीं है। धोखा और धोखाधड़ी वास्तव में हमारे चरित्र में नहीं है और होना भी नहीं चाहिए।
दिल्ली सरकार बनाम एलजी पर उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और एलजी के बीच जो तकरार चलती रहती है, उससे दिल्ली की जनता को ही नुकसान होता है। पिछले 10 सालों से हम दिल्ली के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप ही देख रहे हैं।
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