राजनीति: प्रदूषण का असर, 10वीं और 12वीं  की कक्षाएं भी ऑनलाइन

दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके कारण अब 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। अब इन छात्रों के लिए भी ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही दिल्ली के विभिन्न कॉलेजों में भी ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का निर्देश दिया गया है। प्रदूषण की हालत पर नजर रखते हुए अगले सप्ताह तक कॉलेजों को लेकर यह निर्देश जारी रहेगा।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-18 17:18 GMT

नई दिल्ली,18 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके कारण अब 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। अब इन छात्रों के लिए भी ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही दिल्ली के विभिन्न कॉलेजों में भी ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का निर्देश दिया गया है। प्रदूषण की हालत पर नजर रखते हुए अगले सप्ताह तक कॉलेजों को लेकर यह निर्देश जारी रहेगा।

सोमवार रात दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने स्कूलों को लेकर यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए भी अब ऑनलाइन कक्षाएं ही आयोजित की जाएंगी। इससे पहले वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के स्कूलों को बंद कर दिया गया था। हालांकि दसवीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े छात्रों के लिए स्कूल खुले रखे गए थे। लेकिन अब मुख्यमंत्री ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी ऑनलाइन कक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है।

इससे पहले सोमवार को ही दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बढ़ते प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि देश भर के अलग-अलग राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। आतिशी ने कहा कि देशभर के अलग-अलग राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। केंद्र सरकार इन राज्यों पर कोई भी लगाम नहीं लगा रही है।

आतिशी ने कहा कि पूरे उत्तर भारत में स्थिति खराब हो गई है, क्योंकि देश भर में पराली जलाना अनियंत्रित रूप से जारी है। देश भर के सभी राज्य यूपी, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, एमपी और दिल्ली, प्रदूषण के गंभीर स्तर से जूझ रहे हैं। पिछले 5 वर्षों में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के बावजूद केंद्र सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पूरा उत्तर भारत इसकी कीमत चुका रहा है, खासकर बच्चे और बुजुर्ग जिन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

--आईएएनएस

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