आपदा: नाइजीरिया में बाढ़ से अब तक 321 लोगों की मौत
अफ्रीकी देश नाइजीरिया में भारी बारिश के बाद बाढ़ का प्रकोप चरम पर है। इस साल बाढ़ में अब तक 321 लोग मारे गए हैं। वहीं 740,000 से अधिक लोगों को बाढ़ की वजह से अपने घरों को छोड़ कर दूसरी सुरक्षित जगहों पर विस्थापित होना पड़ा है। देश के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ ने तबाही मचाई है।
अबुजा, 1 नवंबर (आईएएनएस)। अफ्रीकी देश नाइजीरिया में भारी बारिश के बाद बाढ़ का प्रकोप चरम पर है। इस साल बाढ़ में अब तक 321 लोग मारे गए हैं। वहीं 740,000 से अधिक लोगों को बाढ़ की वजह से अपने घरों को छोड़ कर दूसरी सुरक्षित जगहों पर विस्थापित होना पड़ा है। देश के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ ने तबाही मचाई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, देश के दक्षिण-पूर्वी राज्य अनाम्ब्रा के गवर्नर चुक्वुमा सोलुडो ने उपराष्ट्रपति काशिम शेट्टीमा की अध्यक्षता में आयोजित मासिक राष्ट्रीय आर्थिक परिषद की बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने इस बैठक के बाद राजधानी में संवाददाताओं को बताया कि देश में हुई मौत और विस्थापन के अलावा देश में लंबे समय से हो रही बारिश के कारण आई बाढ़ में लगभग 2,854 लोग घायल भी हुए हैं।
सोलुडो ने आर्थिक परिषद की बैठक में हुई बातचीत के हवाले से बताया, "देश बाढ़ की वजह से राष्ट्रीय आपातकाल का सामना कर रहा है और अब तक की रिपोर्ट में इसे एक बड़ी राष्ट्रीय आपदा बताया गया है।" उन्होंने आगे कहा कि देश में बारिश के कारण बड़े पैमाने पर विस्थापन, जान-माल की हानि, तथा घरों को नुकसान हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि नाइजीरिया में खराब हुए हालातों का आलम यह है कि देश के 36 में से 34 राज्यों में बाढ़ आई हुई है। बाढ़ की वजह से 774 स्थानीय सरकार क्षेत्रों (एलजीए) में से 217 प्रभावित हुए हैं। विनाशकारी बाढ़ ने कम से कम 740,743 लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर किया है। इसकी वजह से 281,000 घरों और 258,000 खेती योग्य भूमि नष्ट या प्रभावित हुई है।
देश में इस समय राष्ट्रीय आपदा जैसा माहौल है। इसकी वजह से आर्थिक परिषद, जिसमें वैधानिक रूप से उपराष्ट्रपति और सभी 36 राज्यों के राज्यपाल शामिल हैं, ने बाढ़ के विनाशकारी प्रभाव को कम करने के लिए स्थानीय जलमार्गों और बांधों की स्थिति की व्यापक समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
सोलुडो ने अपने बयान में आगे कहा, "इस मीटिंग में देश के अंंदर जलमार्गों की सफाई के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम की आवश्यकता पर गंभीरता से जोर दिया गया है। परिषद ने उन राज्यपालों से भी आग्रह किया, जिन्होंने अपने राज्यों की बाढ़ की स्थिति और प्रबंधन पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। उन्हें तुरंत रिपोर्ट देने को कहा गया है।"
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