मुंबई एयरपोर्ट की घटना शर्मनाक: सिंधिया
हैदराबाद, 18 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुंबई हवाईअड्डे पर डायवर्ट की गई उड़ान के यात्रियों को टरमैक पर बैठाकर खाना खिलाए जाने की हालिया घटना को शर्मनाक करार देते हुए गुरुवार को कहा कि मंत्रालय ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
हैदराबाद, 18 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुंबई हवाईअड्डे पर डायवर्ट की गई उड़ान के यात्रियों को टरमैक पर बैठाकर खाना खिलाए जाने की हालिया घटना को शर्मनाक करार देते हुए गुरुवार को कहा कि मंत्रालय ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
उन्होंने कहा कि मुंबई घटना की पुनरावृत्ति अस्वीकार्य है और इसलिए मंत्रालय ने इंडिगो और मुंबई हवाई अड्डे पर जुर्माना लगाया है।
यह कहते हुए कि जारी एसओपी पर्याप्त हैं, उन्होंने आश्वासन दिया कि मंत्रालय सभी के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने आगाह किया कि जो नियम बनाए गए हैं उनका उल्लंघन करने पर बहुत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सिंधिया गुरुवार को यहां शुरू हुए एशिया के सबसे बड़े नागरिक उड्डयन कार्यक्रम 'विंग्स इंडिया 2024' के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मंत्रालय ने बुधवार को इंडिगो पर 1.20 करोड़ रुपये और मुंबई एयरपोर्ट पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
दिल्ली हवाई अड्डे पर कम दृश्यता के कारण 14 जनवरी को गोवा से दिल्ली जाने वाली इंडिगो की उड़ान को मुंबई में उतारा गया था।
उन्होंने कहा, “घटनाओं की एक श्रृंखला के कारण यह विमान हवाईअड्डे पर आया और ऐसे कारणों से जिनकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकता, पार्किंग स्टैंड में जाने की बजाय इसे पार्किंग-बे में भेज दिया गया। मैंने बार-बार कहा है कि नागरिक उड्डयन के तहत नागरिकों की सुरक्षा हमारे लिए प्राथमिक है। इसलिए, उस घटना की जानकारी मिलने के कुछ घंटों के भीतर मंत्रालय के सभी अधिकारियों के साथ एक बैठक की गई और तुरंत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।”
उन्होंने कहा, "यह तथ्य कि यात्रियों को असुविधा हुई, यह तथ्य कि उन्हें टरमैक पर खाना पड़ा, यह तथ्य कि सभी बिंदुओं पर सुरक्षा से समझौता किया गया था, अस्वीकार्य है।"
मंत्री ने कहा कि नोटिस जारी होने के 24 घंटे के भीतर आवश्यक जुर्माना लगाया गया। मंत्रालय ने दो अलग-अलग सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स भी जारी कीं। उनमें से एक कोहरे के दौरान एयरलाइंस और हवाईअड्डों द्वारा अलग-अलग उठाए जाने वाले अतिरिक्त कदमों के बारे में है।
उन्होंने कहा, “किसी विमान को डायवर्ट करने की स्थिति के लिए एसओपी मौजूद है जिसका हर एयरलाइन और हर हवाईअड्डा संचालक को पालन करना होता है। विमान को संपर्क स्टैंड पर ले जाया जाना चाहिए और न केवल चालक दल बल्कि यात्रियों को भी उतारा जाना चाहिए और उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उनकी देखभाल की जानी चाहिए, भोजन की व्यवस्था की जानी चाहिए और जब नया दल आता है तो यात्रियों को आगमन से प्रस्थान तक ले जाया जाना चाहिए, उन्हें सुरक्षा से गुजरना चाहिए और फिर से बोर्ड करना चाहिए।”
सिंधिया ने यह भी कहा कि उड़ान में छह से आठ घंटे की देरी अतीत की बात हो जाएगी क्योंकि एयरलाइंस को निर्देश दिया गया है कि यदि वे किसी उड़ान में तीन घंटे से अधिक की देरी देखते हैं, तो उन्हें उस उड़ान को रद्द करना होगा।
उन्होंने कहा कि डीजीसीए रद्दीकरण और देरी के संदर्भ में सभी एसओपी की दिन में दो या तीन बार निगरानी करेगा।
उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही हर एयरलाइन को हर हवाई अड्डे पर एक वॉर रूम स्थापित करने के लिए कहा था। देरी की स्थिति में यात्रियों को एसएमएस, ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से सूचित किया जाना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ नागरिक उड्डयन क्षेत्र को लगातार विकसित होना होगा और उनके लिए सेवा उच्चतम गुणवत्ता वाली होनी चाहिए।
--आईएएनएस
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