आरबीआई ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए सख्त नियमों का प्रस्ताव रखा
मुंबई, 15 जनवरी (आईएएनएस)। आरबीआई ने सोमवार को एक मसौदा परिपत्र जारी किया, जिसमें न्यूनतम पूंजी जरूरत और जमा लेने के नियमों जैसे कई क्षेत्रों में गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) के नियमों को सुसंगत बनाने का प्रस्ताव है।
मुंबई, 15 जनवरी (आईएएनएस)। आरबीआई ने सोमवार को एक मसौदा परिपत्र जारी किया, जिसमें न्यूनतम पूंजी जरूरत और जमा लेने के नियमों जैसे कई क्षेत्रों में गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) के नियमों को सुसंगत बनाने का प्रस्ताव है।
आरबीआई ने कहा कि उसने जमा लेने वाली एचएफसी के लिए जमा निर्देशों, हेजिंग उद्देश्यों के लिए विभिन्न डेरिवेटिव उत्पादों में एचएफसी की भागीदारी, अन्य वित्तीय उत्पादों में विविधीकरण और खाता एग्रीगेटर पारिस्थितिकी तंत्र के तहत तकनीकी विशिष्टताओं को अपनाने की समीक्षा की है।
मसौदा परिपत्र में एनबीएफसी के साथ एचएफसी नियमों के और अधिक सामंजस्य के हिस्से के रूप में जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी के लिए कुछ निर्देशों की समीक्षा करने का प्रस्ताव है।
मसौदा परिपत्र आगे चलकर एचएफसी के लिए और अधिक कड़े नियमों का प्रावधान करता है। इस समय एचएफसी एनबीएफसी की तुलना में जमा स्वीकृति पर आसान विवेकपूर्ण मापदंडों के अधीन हैं।
आरबीआई ने कहा, चूंकि जमा स्वीकृति से जुड़ी नियामकीय चिंताएं एनबीएफसी की सभी श्रेणियों में समान हैं, इसलिए एचएफसी को जमा स्वीकार करने पर नियामक व्यवस्था की ओर ले जाने का निर्णय लिया गया है, जो जमा लेने वाली एनबीएफसी पर लागू होती है।
आरबीआई ने कहा, संशोधित नियम सार्वजनिक जमा स्वीकार करने या रखने वाली एचएफसी पर लागू होंगे।
आरबीआई ने कहा कि योजना के अनुसार जमा लेने वाली एचएफसी को 30 सितंबर, 2024 तक तरल संपत्ति का प्रतिशत 14 प्रतिशत और 31 मार्च, 2025 तक 15 प्रतिशत तक ले जाना होगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि नियमों के सामंजस्य के हित में एचएफसी के लिए तरल संपत्तियों की सुरक्षित हिरासत पर नियमों को एनबीएफसी के साथ जोड़ा जाएगा।
इसके अलावा, प्रस्तावित नियम एजेंटों की नियुक्ति, जमा की दर और अवधि, एक्सचेंज ट्रेडेड मुद्रा डेरिवेटिव में भागीदारी, ब्याज दर वायदा, क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप, सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करने, लेखा वर्ष और लेखा परीक्षा, निवेश के संबंध में नियमों को सुसंगत बनाना चाहते हैं। ड्राफ्ट सर्कुलर के अनुसार, अन्य मुद्दों के बीच वैकल्पिक निवेश कोष बना भी प्रस्तावित है।
ड्राफ्ट सर्कुलर पर 29 फरवरी, 2024 तक एनबीएफसी, एचएफसी और अन्य हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।
--आईएएनएस
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