राजनीति: 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान पर अबू आजमी ने दिया नया नारा, कहा- 'जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे'
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर हैं। इस बीच, समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान की निंदा की।
मुंबई, 8 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर हैं। इस बीच, समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान की निंदा की।
अबू आजमी ने आईएएनएस से कहा, "इन लोगों के पास नफरत के अलावा कुछ नहीं है। हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है। इसका संविधान भी यही कहता है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, दलित सभी को बराबरी का अधिकार है। वह (योगी आदित्यनाथ) कहते हैं 'बंटेंगे तो कटेंगे', जबकि हम कहते हैं 'जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे'। आइए, हाथ में हाथ डालकर इस देश को एकजुट करें, और इसे दुनिया का सबसे मजबूत देश बनाएं। वह क्यों नफरत फैलाना चाहते हैं? अगर वह 25-30 करोड़ मुसलमानों को नफरत की नजर से देखेंगे, तो क्या यह देश तरक्की करेगा? याद रखिए, अगर देश के 20-25 प्रतिशत मुसलमानों के साथ ऐसा होगा तो यह देश कभी भी एक विकसित देश नहीं बन सकता। जो लोग इस तरह की नफरत फैलाते हैं, वे देशद्रोही हैं।"
'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान पर अजित पवार के विरोध पर सपा नेता ने कहा, "अजित पवार ने इसका विरोध किया है, लेकिन वह उसी पार्टी के साथ हैं जो खुलेआम कह रही है कि मस्जिदों को तोड़ दिया जाएगा और मस्जिदों में घुसकर मारेंगे। अगर ऐसी बातें हो रही हैं तो इन्हें जेल भेजना चाहिए। सिर्फ बातें करने से कुछ नहीं होता, इन लोगों को सजा मिलनी चाहिए।"
राज ठाकरे के लाउडस्पीकर बंद करने वाले बयान पर आजमी ने कहा, "यह लोग नफरत के पुजारी हैं। इनके पास किसी तरह का विकास का कोई कार्यक्रम नहीं है, सिर्फ नफरत फैलाने का काम करते हैं। उनकी पार्टी पर चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट को कार्रवाई करनी चाहिए। उनका चुनावी पंजीकरण खत्म कर दिया जाना चाहिए। राज ठाकरे साहब, हम इतने कमजोर नहीं हैं कि आप जो चाहें कर सकते हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी की महाराष्ट्र में हुई रैली और महायुति को मिलने वाले संभावित फायदे पर उन्होंने कहा, "बिलकुल नहीं, महायुति को कोई फायदा नहीं होगा। जो कुछ भी ये लोग कर रहे हैं, वह देश की तबाही की दिशा में है। सिर्फ 1,500 रुपये महिलाओं को दे रहे हैं। दूसरी तरफ गरीबों से हर साल 94 लाख रुपये छीन रहे हैं। हर चीज महंगी हो रही है और चुनाव के समय 'लाडली बहन योजना' याद आ रही है। चुनाव खत्म होते ही इनकी योजनाएं भी खत्म हो जाएंगी। इनकी सरकार चुनी हुई नहीं, बल्कि दबाव और डर से बनी हुई है। इस सरकार का जाना जरूरी है।"
अंत में उन्होंने राज्य के धुले में पीएम मोदी की रैली से विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी को फायदा होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि सरकार के कारनामे जनता देख रही है। इसलिए इस बार जनता हमारे साथ है। इनके पास विकास की कोई योजना ही नहीं है।
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव नतीजे झारखंड के साथ 23 नवंबर को घोषित होंगे।
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