राजनीति: गाजियाबाद की सबा हैदर ने जीता अमेरिका में डूपेज काउंटी बोर्ड का चुनाव
अमेरिका में इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव की धूम है। रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। वहीं, डूपेज काउंटी बोर्ड के चुनाव में गाजियाबाद की सबा हैदर ने अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में रिपब्लिकन पार्टी की पैटी गुस्टिन को 8,500 वोटों के अंतर से हराकर शानदार जीत हासिल की। पिछली बार के चुनाव में वह केवल एक हजार वोट से हार गई थीं। अब उनकी जीत से गाजियाबाद में उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव की धूम है। रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। वहीं, डूपेज काउंटी बोर्ड के चुनाव में गाजियाबाद की सबा हैदर ने अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में रिपब्लिकन पार्टी की पैटी गुस्टिन को 8,500 वोटों के अंतर से हराकर शानदार जीत हासिल की। पिछली बार के चुनाव में वह केवल एक हजार वोट से हार गई थीं। अब उनकी जीत से गाजियाबाद में उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है।
गाजियाबाद में रहने वाले सबा के पिता अली हैदर ने आईएएनएस से बात करते हुए खुशी जताई। उन्होंने कहा, “आज मैं अपनी बेटी पर गर्व महसूस कर रहा हूं। मेरी बेटी इंटेलिजेंट है। सबके आशीर्वाद और अपनी मेहनत से वह आज यह मुकाम हासिल कर पाई है। मेरी बेटी ने शहर से ही बीएससी में टॉप किया और एएमयू से एमएससी में गोल्ड मेडल हासिल किया। उसके बाद मैंने अपनी बेटी की शादी कर दी और वह अपने पति के साथ अमेरिका चली गई। मेरा दामाद कंप्यूटर साइंस इंजीनियर है। राजनीति हमारे खून में है। उसको अमेरिका में मौका मिला तो उसने कर दिखाया। उसके दोस्तों ने उसे प्रेरित किया और उसने चुनाव जीत लिया।”
सबा की मां चांदनी भी अमेरिकी चुनावों में अपनी बेटी की जीत से खुश हैं। उन्होंने कहा, “मुझे अपनी बेटी पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। चुनाव के दौरान मैं अपनी बेटी को बराबर सपोर्ट करती रही। बराबर हिम्मत बढ़ाती रही। मैं अपने पूरे परिवार की हमेशा हिम्मत बढ़ाती हूं। मैं हमेशा अपने बच्चों को डरने नहीं देती, ताकि जीवन में वे बड़े मुकाम हासिल करें। मेरी बेटी अमेरिका में बहुत अकेला महसूस कर रही थी। उसने कई बार मुझे फोन करके बुलाया। मैं अपने आंख के ऑपरेशन की वजह से जा नहीं पाई। पिछले अमेरिकी चुनावों में मैं वहीं थी। इस बार मैं जा नहीं पाई। उसने मुझे फोन पर बताया कि चुनाव में उसने इतनी मेहनत की कि उसके पैर सुन्न पड़ गए।”
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